फरीदाबाद, 01 मई। श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, भारत सरकार, भूपेन्द्र यादव ने 01 मई 2022 को अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के उपलक्ष्य पर ESIC अस्पताल, फरीदाबाद का दौरा किया। यहां ईंट भट्टों में कार्यरत महिला श्रमिकों एवं अन्य श्रमिकों के लिए स्वास्थ एवं पोषण जाँच शिविर का आयोजन किया गया था।
यहाँ स्वास्थ्य जाँच कार्यक्रम के दौरान श्रम व रोजगार मंत्री ने महिला ईंट भट्टों में कार्यरत महिला श्रमिकों एवं अन्य श्रमिकों से मुलाकात की एवं उनको उपलब्ध करवाई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। मुलाकात के दौरान उन्होंने श्रमिक महिलाओं को एनीमिया बीमारी के बारे में जागरूक किया तथा नियमित स्वास्थ्य जांच एवं पोषण युक्त आहार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा की महिला श्रमिकों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित किये बिना स्वस्थ भारत समृद्ध भारत का सपना साकार नहीं किया जा सकता।
एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है। इसकी वजह से रक्त को कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुचाने की क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण थकान, चिरचिड़ापन, शारीरिक एवं मानसिक कार्य क्षमता में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण, वर्ष 2020-21 के अनुसार, 15-49 वर्ष की 57% महिलाएं इस समस्या से ग्रसित है। ज़्यादातर एनीमिया का मुख्य कारण संतुलित पोषण का न मिलना है। इस बीमारी को पोषणयुक्त आहार, दवाइयां एवं सही परामर्श मुहैया कराकर ठीक किया जा सकता है।
यहां आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान ईंट भट्टों और बीड़ी प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण जाँच के लिए 08.03.2022 को एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की गई है , जिसके अंतर्गत ईंट भट्टों और बीड़ी प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं में व्यवसायजनित रोगों की प्रारंभिक पहचान, स्वास्थ एवं पोषण की नियमित जाँच की जाती है एवं आयरन, फोलिक एसिड, बीकॉम्प्लेक्स सहित अन्य दवाईयां प्रदान की जाती हैं। शुरू की गई पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत लगाया गया यह तीसरा जाँच शिविर है।
इस प्रायोगिक परियोजना का मासिक रूप से छह महीने की अवधि के लिए पालन किया जाएगा, इसके बाद आगे के कार्यान्वयन के लिए पायलट परियोजना का मूल्यांकन किया जाएगा।इस प्रायोगिक परियोजना के अंतर्गत इन उद्योगों की महिला श्रमिकों को नजदीकी कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल या डिस्पेंसरी के साथ टैग किया गया है।
इन सभी महिलाओं को स्वास्थ्य पासबुक जारी गई है। हर महीने स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम इन के कार्यस्थल पर जाकर आवश्यक जांच करती है, जिसमें सामान्य शरीर की जांच, ऊंचाई और वजन का माप, हीमोग्लोबिन स्तर का आकलन एवं पोषण संबंधी परामर्श शामिल हैं।
असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाएं देश में कार्यबल की रीढ़ हैं, वे इस देश के विकास की प्रेरक शक्ति हैं। एनीमिया से पीड़ित महिलाओं की बड़ी संख्या के साथ, समग्र कार्य उत्पादन घट जाता है। समग्र उत्पादकता में सुधार तथा कर्मचारियों के उत्तम स्वास्थ्य हेतु एनीमिया की शीघ्र पहचान और उपचार आवश्यक है। यह एक कम लागत वाला हस्तक्षेप है और उपचार शुरू होने के शुरुआती दिनों से ही परिणाम देखे जा सकते हैं।
स्वास्थ्य जाँच शिविर में शामिल श्रमिकों को श्रम एवं रोजगार मंत्री ने श्रम मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही योजना जैसे - प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, पेंशन दान योजना एवं इ-श्रम के सम्बन्ध में भी बताया। अस्पताल के दौरे पर श्रम व रोजगार मंत्री ने भर्ती मरीजों से भी भेंट की एवं उनका कुशल क्षेम जाना।
मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों से संवाद के दौरान उन्होंने अस्पताल द्वारा Covid-19 के दौरान किये गए कार्यों की सराहना की। दौरे के क्रम में श्रम एवं रोज़गार मंत्री नियोक्ताओं, एम्प्लायर एसोसिएशन तथा ट्रेड यूनियन के लोगों से भी मिले तथा उनको आश्वस्त किया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय उनके लिए फैसिलिटेटर के रूप में कार्य कर रहा है। बातचीत के दौरान श्रम एवं रोजगार मंत्री ने अधिकारियों को श्रमिकों के हित को ध्यान में रख कर काम करने का निर्देश दिया।
मुलाकात के दौरान श्री कृष्ण पाल गुर्जर, विद्युत राज्य मंत्री तथा भारी उद्योग राज्य मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के बारे में महिला श्रमिकों को जानकारी दी। सचिव, श्रम व रोजगार चलाये जा रहे पाइलट प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर सुनील बर्थवाल, सचिव, श्रम व रोजगार, भारत सरकार, सीमा त्रिखा, विधायक बडखल, मुखमीत एस. भाटिया, महानिदेशक, ई. एस. आई. सी. गोपाल शर्मा एवं अन्य गणमान्य भी इस दौरे में साथ रहे।
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