फरीदाबाद - सरकारें बदलने के बाद उतार चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन फरीदाबाद में निगमायुक्त यशपाल यादव के निगम कमिशनर का पदभार संभालने के पहले का समय कोई याद नहीं करना चाहेगा। 2019 विधानसभा चुनावों से पहले हरियाणा अब तक के पाठकों ने कुछ ख़बरें पढ़ीं होंगी जिनमे शहर के कुछ लोगों में होड़ लगी थी कि असली नरकवासी हम हैं। किसी क्षेत्र के लोग कहते थे कि हम नरक में रह रहे हैं तो दूसरे क्षेत्र के लोगों के वीडियो और तस्वीरें आती थीं जिनका कहना होता था कि असली नरक में हम रह रहे हैं। पुराने पाठकों को सब कुछ पता है। नए पाठकों को बतौर सबूत मैं अपने कुछ ख़बरों की हेडिंग दिखा रहा हूँ जो अब भी हमारे न्यूज़ पोर्टल पर मौजूद है। 2019 विधानसभा चुनाव के ठीक पहले की हैं देखें, खबर जारी है।
एक समय ऐसा भी आया जब शहर में बहन बेटियों की शादी होती थी तो गली, नाली की सफाई के लिए सीएम से गुहार लगाती थीं और साफ सफाई करवाने के बाद सीएम साहब अपनी पीठ भी थपथपाते थे और मीडिया में प्रेस नोट जारी किया जाता था और कहा जाता था फरीदाबाद शहर की वो नाली हमने साफ़ करवा दी। एक मुख्य्मंत्री का क्या यही काम रह गया है। किसी समय में ये काम निगम पार्षदों का हुआ करता था। इस पांच साल में लोग उस काम के लिए विधायक, सांसद या सीएम के पास जाने लगे जो काम पार्षदों का होता था। कोई न कोई तो कारण जरूर है।
ऐसा शायद इसलिए हुआ क्यू कि हरियाणा में अफसरशाही हावी है और प्रदेश के सत्ताधारी विधायक मंत्री ही नहीं प्रदेश के भाजपा सांसद भी इस बात की शिकायत आला कमान से कर चुके हैं। अभी से नहीं 2014 के बाद से ही कुछ भाजपा विधायक इस बात को उठा चुके हैं लेकिन चंडीगढ़ दरबार ने गौर नहीं किया जिसका खामियाजा सरकार को 2019 विधानसभा में भुगतना पडा। दुष्यंत की बैशाखी न मिलती तो खट्टर करनाल तक ही सीमित रहते। चंडीगढ़ दुबारा शायद ही पहुँच पाते।
यही नहीं प्रदेश की जनता को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा और भुगतना पड़ रहा है क्यू कि कुछ अफसर नंगा नाच रहे हैं। कभी पेपर लीक कर रहे हैं तो कभी रजिस्ट्री घोटाला तो कभी शराब घोटाला तो कभी कोई अन्य घोटाला सामने आ रहे हैं और फरीदाबाद की बात करें तो नगर निगम के 200 करोड़ का घोटाला अब भी सुर्ख़ियों में है। शहर के कुछ दिग्गज समाजसेवी इसे 200 नहीं हजार करोड़ से ऊपर का घोटाला बता रहे हैं। कल आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए आये हजारों करोड़ और फरीदाबाद नगर निगम के हजारों करोड़ दौलतराम भास्कर जैसे भ्रष्ट अधिकारी डकार गए। शहर स्मार्ट सिटी के बजाय नरक सिटी बन गए।
शहर के जाने माने समाजसेवी वरुण श्योकन्द, बाबा रामकेवल, पद्म श्री डाक्टर ब्रम्ह दत्त जैसे शहर के शुभ चिंतक बड़े सवाल उठा रहे हैं। वरुण श्योकन्द का कहना है कि लुक आउट नोटिस के बाद भी दौलत राम भास्कर को अब तक निलंबित नहीं किया गया। हाल में इसकी जमानत भी खारिज हुई लेकिन पुलिस की पकड़ से अब भी दूर है।
शहर के लोगों का कहना है कि दौलतराम जैसे भ्रष्ट अधिकारियों ने फरीदाबाद को फिर फकीराबाद बना दिया, नरक बना दिया।
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