मेयर ( महापौर ) शहर का प्रथम व्यक्ति होता है और इस बार डायरेक्ट होंगे और फरीदाबाद की 5 विधानसभा सीटों के 45 वार्ड मेयर के अंडर में होंगे इसलिए अब फरीदाबाद में इस पद की गरिमा और बढ़ गई है। यही वजह है कि शहर में एक और अफवाह चल रही है कि भाजपा कहीं इस पद के लिए किसी महिला विधायक को मैदान में न उतार दे। ये सिर्फ अफवाह है। भाजपा की तरह से महिला आयोग की प्रदेश चेयरमैन रेनू भाटिया, निवर्तमान मेयर सुमन बाला का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है तो अब कांग्रेस की तरफ से भी कुछ नाम चर्चाओं में चलने लगे हैं।
लगभग 8 साल पहले हरियाणा के मिनी सीएम कहे जाने वाले पूर्व केबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के सुपुत्र एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विजय प्रताप सिंह की धर्मपत्नी वेणुका प्रताप नाम भी अब चर्चाओं में है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें मैदान में उतार सकती है। उनका एक बड़ा पॉजिटिव प्वाइंट ये भी है कि पंजाबी समुदाय के लोग भी उनके साथ आ सकते हैं।
1982,1987,1991,2005,2009 (1982 से 2005 तक मेवला महाराजपुर/2009 में बड़खल से विधायक) में विधायक रहे महेंद्र प्रताप सिंह एक समय हरियाणा के मिनी सीएम कहे जाते थे और लगभग एक दर्जन मंत्रालय उनके अधीन थे जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्य्मंत्री थे और पिछले विधानसभा चुनाव में उनके सुपुत्र विजय प्रताप सिंह बड़खल विधानसभा क्षेत्र से मामूली मतों से हारे लेकिन लोगों का दिल जीत लिया इसलिए कहा जा रहा है कि उनकी धर्मपत्नी वेणुका प्रताप को मेयर पद के लिए मैदान में उतारा जा सकता है।
बल्लबगढ़ से दो बार विधायक और मुख्य संसदीय सचिव रहीं शारदा राठौर का नाम भी अब शहर में चर्चाओं में है। शारदा राठौर की बात करें तो राजनीति की पहली सीढ़ी उन्होंने नगर निगम की पार्षद बनकर चढ़ीं उसके बाद 2005 में पहली बार बल्लभगढ़ से विधायक बनी। उसके बाद भी वो बल्लबगढ़ से चुनाव जीतीं और मुख्य संसदीय सचिव भी रहीं। 2014 में अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे और तंवर की उनसे नहीं बनी और वो 2014 का चुनाव नहीं लड़ीं। यही नहीं तंवर की पूर्व सीएम हुड्डा से भी नहीं बनी और जूतमपैजार भी हुई। तंवर काफी तक गले में? उनके चोट लगी थी। उसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में वो भाजपा के 75 की हवा में बह गईं।
यहाँ जो बड़ी बात सामने आ रही है उसके मुताबिक़ 2019 विधानसभा चुनाव के लगभग चार महीने पहले अशोक तंवर ने शारदा राठौर से कह दिया था कि आपकी उम्मीदवारी का मैं विरोध करूंगा और बल्लबगढ़ से आपको किसी भी हालत में टिकट नहीं लेने दूंगा। शारदा राठौर का भाजपा की तरफ झुकाव का यही कारण था। उसी के कुछ दिन बाद तंवर की हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष के पद से विदाई हो गई और विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कुमारी सैलजा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। तब शारदा के लिए थोड़ी देर हो चुकी थी। वो बल्लबगढ़ से तैयारी कर रहीं थीं लेकिन अशोक तंवर ने उनकी राह में रोड़ा अटका दिया था।
अब फिर घर वापसी करने वालीं शारदा राठौर 1988 से 1989 में शारदा पहली बार कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआइ की जिलाध्यक्ष रही। यही नहीं महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव रहीं शारदा ने बिहार, झारखंड के प्रभारी की भूमिका निभाई। कांग्रेस को इन राज्यों में उम्मीद से ज्यादा सफलता भी मिली थी। यही सब वजह है कि मेयर पद के लिए उनका नाम चर्चाओं में है।
आज एक और नाम चर्चा में आया जो खुशबू सिंगला का है। खुशबू सिंगला फरीदाबाद के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लखन कुमार सिंगला के सुपुत्र एवं जिला युवा कांग्रेस ( शहरी ) के अध्यक्ष नितिन सिंगला की धर्मपत्नी हैं। लखन सिंगला शहर के धाकड़ कांग्रेसी नेता कहे जाते हैं और दो बार विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन उस समय जब देश में मोदी लहर चल रही थी इसलिए उन्हें खास सफलता नहीं मिली क्यू कि मोदी लहर बहुत ही तेज थी अच्छे-से अच्छे कांग्रेसी नेता उस लहर का शिकार हो गए।
पार्षद तक का चुनाव हार चुके देश के तमाम भाजपा नेता उस लहर में विधायक, सांसद, राज्य में मंत्री और केंद्र में मंत्री बन गए। इसलिए लखन सिंगला को कमजोर नेता कहना बेईमानी होगी और उनके सुपुत्र नितिन सिंगला तो रिकार्ड मतों से जीतकर फरीदाबाद कांग्रेस के युवा जिला अध्यक्ष बने हैं। एक और नाम तिगांव से आ रहा है और कहा जा रहा है कि तिगांव के पूर्व विधायक ललित नागर की धर्मपत्नी भी मेयर पद के लिए मैदान में उतर सकती हैं। जल्द पूरी खबर सामने आ सकती है फिलहाल शहर में जो चर्चाएं चल रहीं हैं वही खबर के रूप में आप तक पहुंचा रहा हूँ।
आज एक बड़ी बात ये देखने को मिली कि मेयर पद के लिए कांग्रेस की तरफ से जो संभावित उम्मीदवार के नाम ऊपर लिखे गए हैं। उन उम्मीदवारों या उनके परिजनों का कहना है कि प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्य सभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा जो आदेश देंगे वही करेंगे। ये वरिष्ठ नेता हममे से जिसे भी फरीदाबाद के मेयर के लिए मैदान में उतरेंगे हम सब उस उम्मीदवार का साथ देंगे। किसी प्रकार की कोई रंजिश अपनों से नहीं रखेंगे। हमारा मुख्य लक्ष्य है फरीदाबाद के मेयर की सीट पर हमारा कोई कांग्रेसी बैठे। अगर सीट महिला के लिए है तो हम सब में से किसी भी परिवार की बहन, बेटी, बहू इस पद पर बैठे हमारा मुख्य लक्ष्य यही होगा।
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