चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा दिल्ली को उसके हक का पूरा पानी दे रहा है। हालांकि हरियाणा की पानी की अपनी जरूरत में कमी होने के बावजूद भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार और प्रदेशों के समझौतों के अनुसार दिल्ली को उसके हिस्से का 1049 क्यूसेक पूरा पानी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों का दरवाजा खटखटाया है, तो हमेशा यह साबित हुआ है कि हरियाणा मुनक हेडवर्क्स से दिल्ली को उसके हिस्से के 719 क्यूसेक के मुकाबले 1049 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार गलत बयानबाजी कर ओछी राजनीति कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
मनोहर लाल ने आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पानी के मुद्दों पर राजनीति करने के बजाय, दिल्ली सरकार को पंजाब सरकार को जल्द से जल्द हरियाणा के वैध हिस्से का पानी देने के लिए मनाना चाहिए। जिस दिन पंजाब हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी दे देगा तब दिल्ली को भी अधिक पानी मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा दिल्ली के हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, नांगलोई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और वजीराबाद/चन्द्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पानी की आपूर्ति करता आ रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने 29 फरवरी 1996 को हरियाणा सरकार को निर्देश दिए थे कि दिल्ली को प्रतिदिन 330 क्यूसिक अतिरिक्त पानी दिया जाए। इससे पहले दिल्ली का पानी में हिस्सा प्रतिदिन 719 क्युसिक था।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की पालना में दिल्ली को प्रतिदिन 1049 क्यूसिक पानी दिया जा रहा है। फिर भी दिल्ली सरकार पानी को लेकर झूठ बोल रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को यह समझना चाहिए कि उनकी पेयजल की आवश्यकता को पूरा करना अकेले हरियाणा की जिम्मेदारी नहीं है। हमारी तरह वे भी जल प्रबंधन योजनाएँ बनाने की दिशा में कार्य कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री @mlkhattar ने कहा कि हरियाणा दिल्ली को उसके हक का पूरा पानी दे रहा है। हालांकि हरियाणा की पानी की अपनी जरूरत में कमी होने के बावजूद भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार और प्रदेशों के समझौतों के अनुसार दिल्ली को उसके हिस्से का 1049 क्यूसेक पूरा पानी दिया जा रहा है। pic.twitter.com/oeAsJWUFmk
— DPR Haryana (@DiprHaryana) May 20, 2022
Post A Comment:
0 comments: