नई दिल्ली- देश के तमाम ऐसे नेता हैं जिन्हे सत्ता में रहने की आदत पड़ चुकी है। उनके आगे पीछे जब तक दो चार सुरक्षाकर्मी न घूमें तब तक उन्हें चैन नहीं आता। यूपी में काफी समय तक सपा सत्ता में थी लेकिन 2017 से नहीं है और मुलायम सिंह यादव के परिवार की बात करें तो पूरा परिवार सत्ता में था। उनके भाई शिव पाल सिंह यादव कद्दावर नेताओं में शुमार थे लेकिन 2017 में सब कुछ बदल गया। शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी भी बनाई लेकिन कामयाब नहीं हुए। इस बार उनकी पार्टी सपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में कूदी फिर भी कामयाबी नहीं मिली। हाल में जब अखिलेश यादव ने उन्हें नजरअंदाज किया तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और दिल्ली पहुंचे कई बड़े भाजपा नेताओं से मुलाक़ात की। तब से चर्चे हैं कि शिवपाल यादव भाजपा में जा सकते हैं।
सोशल मीडिया की बात करें तो अब शिवपाल सिंह यादव अपने ट्विटर पेज पर भी बदले बड़े नजर आ रहे हैं। अब रामायण के दोहों से उनके दिन की शुरुआत हो रही है। उन्होंने लिखा कि प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥ आयसु मागि करहिं पुर काजा। देखि चरित हरषइ मन राजा॥
भगवान राम का चरित्र 'परिवार, संस्कार और राष्ट्र' निर्माण की सर्वोत्तम पाठशाला है। चैत्र नवरात्रि आस्था के साथ ही प्रभु राम के आदर्श से जुड़ने व उसे गुनने का भी क्षण है।
देखें लोग कैसी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
अब तो जाके बीजेपी ज्वाइन कर ही लो आप.... वहा जाके मुस्लिमो के खिलाफ खूब जहर बोलना जिससे कि दलित पिछड़े उसी में उलझ जाए और बीजेपी आसानी से उनके आरक्षण, शिक्षा, समानता को ख़त्म कर सके। टेंशन मत लीजिए आप का भी वही हाल होगा जो अन्य दलित और पिछड़े नेताओ का हुआ है बीजेपी में।
— Sarvesh Humanist (@sarvesh81994306) April 4, 2022
राम से जुड़िए विभीषण बनिए,"घर का भेदी लंका ढाए"@yadavakhilesh— Ankus shukla Jaunpuri (@AnkusJaunpur) April 4, 2022
अगर सपा में नहीं रहना है तो मत रहे लेकिन अगर बीजेपी ज्वाइन किए तो पूरी ज़िन्दगी की कमाई इज्जत खत्म हो जाएगी इनकी। अपनी इज्जत और राजनीतिक लाभ में से एक को चुनना है इन्हे। अब देखते हैं क्या होता है।
— Sarvesh Humanist (@sarvesh81994306) April 4, 2022
ये विभीषण है क्या ?
— Renu Sharma (@Renu725) April 4, 2022
Post A Comment:
0 comments: