चंडीगढ़:हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में कोयले का भण्डार है तथा कोयले की कमी के चलते किसी भी थर्मल प्लांट में उत्पादन बाधित नहीं होगा। पिछले वर्ष गर्मी के मौसम में अधिकतम मांग 12120 मैगावाट प्रतिदिन थी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण व दिल्ली से उद्योगों के बाहर शिफ्ट होने के कारण बिजली की मांग 1000 से 1500 मैगावाट प्रतिदिन तक बढ़ी है।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि तकनीकी कारणों के चलते खेदड़ थर्मल प्लांट की एक इकाई बंद की गई थी और उसे ठण्डा होने में 72 घण्टे लग जाते हैं। इसका रुटर बदला जाना है, लॉकडाउन के चलते चीन से बुलाए गये इंजीनियर नहीं पहंुच पाए थे। परंतु अब इसकी मरम्मत का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि पानीपत में 250-250 मैगावाट की तीन इकाइयां, खेदड़ में 600-600 मैगावाट की दो इकाइयां तथा यमुनानगर में 300-300 मैगावाट की दो इकाइयां संचालित हैं। इसके अलावा, अदानी पावर से 1400 मैगावाट बिजली ली जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में प्रदेश में बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी। यहां तक कि सरकार द्वारा 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जा रही है । उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है कि गर्मी के दौरान तकनीकी कारणों से जब कोई खराबी आ जाती है तो उसे ठीक करने में कुछ समय तो लगता ही है।
कृषि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के बारे पूछे जाने पर बिजली मंत्री ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में गेहूं की फसल एक साथ पक गई है और दिन में गेहूं की कटाई जारों पर है, इसलिए कृषि क्षेत्र को दिन में बिजली आपूर्ति में कट लगाया जाता है ताकि चिंगारी से कहीं गेहूं की फसल में आग न लग जाए। रात में लगातार 7 घण्टे कृषि क्षेत्र को बिजली आपूर्ति की जा रही है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बिजली मंत्री ने कहा कि हरियाणा पंजाब से हर क्षेत्र में आगे है। हरियाणा ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल व ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में है। नीति आयोग ने भी इसकी प्रशंसा की है और हरियाणा को बड़े राज्यों की श्रेणी में सैकिंड रैंकिंग दी है।
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