फरीदाबाद - नगर निगम फरीदाबाद चुनावों के लिए अब शहर में कई तरह के चर्चे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि चुनाव और लटक सकते हैं और संभवतः दीवाली के आस-पास करवाए जा सकते हैं क्यू कि आधा शहर इस समय खुदा पड़ा है और ऐसे में चुनाव होंगे तो सत्ताधारी पार्टी भाजपा-जजपा गंठबंधन का नुक्सान होगा। लोग आशंका व्यक्त कर रहे है कि मानसून सीजन में तो सत्तापक्ष चुनाव करवा ही नहीं सकता क्यू कि 80 फीसदी शहर तालाब बन जाता है और सड़कों पर गड्ढों की संख्या राकेट की रफ़्तार से बढ़ जाती है। खुदी सड़कें दीवाली तक बन सकती हैं इसलिए भाजपा नवम्बर तक चुनाव करवाएगी।
ऐसा कुछ लोगों का कहना है लेकिन भाजपा के कुछ लोगों का कहना है कि दो महीने के भीतर चुनाव करवा लिए जाएंगे। भाजपा इसके लिए तैयारी भी कर रही है। वार्डबंदी का लफड़ा सुलझ गया तो इसी महीने चुनाव तारीखों का एलान हो जाएगा। ऐसा भाजपा और जजपा के नेताओं का कहना है। वार्डबंदी की बात करें तो सेव फरीदाबाद संस्था वार्डबंदी के खिलाफ कोर्ट जा सकती है। हाल में ही पारस भारद्वाज ने एलान भी किया था कि वार्डबंदी गलत हुई है और कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
भाजपा-जजपा ही नहीं आम आदमी पार्टी भी चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है और सभी वार्डों में आफिस खोल रही है। दिल्ली के बड़े-बड़े नेता फरीदाबाद का चक्कर लगा रहे हैं। आज भी तिगांव में पार्टी की एक खास बैठक हुई। आम आदमी पार्टी की वजह से भाजपा के नेताओं के चेहरे भी खिले हैं क्यू इस पार्टी में तमाम कांग्रेस नेता, बसपा और इनेलो के नेता भाग रहे हैं और भाजपा को लगता है कि आम आदमी पार्टी वोटकटुआ पार्टी साबित होगी और हमारा रास्ता साफ़ है।
कांग्रेस की बात करें तो फिलहाल कांग्रेस वहीं है जहाँ 8 साल पहले थी। कांग्रेस के पास कोई संगठन नहीं है न ही जल्द बनने के आसार दिखाई दे रहे हैं। हाल में राहुल गांधी ने हरियाणा के कांग्रेसियो को बुलाया था लेकिन दिल्ली दरबार से तमाम कांग्रेसी निराश लौटे। यही कारण है कि फरीदाबाद ही नहीं पूरे हरियाणा के कांग्रेसी कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी में भाग रहे हैं। अगर कांग्रेस जल्द संगठन न बना पाई तो हरियाणा कांग्रेस के कई पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक आम आदमी के पाले में दिखेंगे ऐसा खास सूत्रों से पता चला है और आम आदमी पार्टी के दिल्ली दरबार के नेताओं से हरियाणा के इन कांग्रेसी नेताओं से बातचीत भी शुरू हो गई है।
यही सब कारण है कि वो कांग्रेसी अधिकतर अपसेट दिखाई दे रहे हैं जो निगम का चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वो क्या करें इसलिए कुछ आम आदमी पार्टी के पाले में चले गए कुछ जानें का प्लान बना रहे हैं। कुछ अभी इन्तजार कर रहे है कि बड़े नेताओं को शायद सद्बुद्धि आ जाए और संगठन का गठन जल्द कर दें। पंजाब के नतीजे देख तमाम कांग्रेसी एक तरह से भयभीत भी हैं क्यू कि वहां आम आदमी पार्टी के साधारण कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस के धुरंधरों को धुल चटा दी इसलिए कांग्रेसी सोंच रहे है कि पंजाब जैसे रार हरियाणा कांग्रेस में भी जारी है। यहाँ भी पंजाब जैसे हालात न हो जाएँ इसलिए आम आदमी पार्टी के पाले में अभी से ही चला जाना ठीक है।
तस्वीर आम आदमी पार्टी की आज तिगांव में खास बैठक की
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