चण्डीगढ़, 26 अप्रैल - हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति के अनुरूप सीएम विंडो पर आई शिकायतों पर मुख्यमंत्री कार्यालय सख्त कार्यवाही करता है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री कार्यालय को एक टेंडर के बारे में गलत जानकारी देने व कार्यालय से फाइल गुम करने के मामले में नगर परिषद थानेसर के अधिकारियों के विरूद्ध विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं।
मुख्यालय से सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार नगर परिषद थानेसर, कुरुक्षेत्र के अधिकारियों द्वारा डोर-टू-डोर कचरा उठाने व सफाई के लिए दिए गए टेंडर में मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) बारे गलत जानकारी देने का मामला संज्ञान में आया। जिस पर कड़ी कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने नगर परिषद थानेसर के अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सीएम विंडो के राडार पर ऐसे कई और अधिकारी भी हैं, जिनके विरूद्ध इसी प्रकार की कार्यवाही की जानी है।
भूपेश्वर दयाल के अनुसार नगर परिषद थानेसर के लेखाकार व कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ कुरूक्षेत्र से शिकायत दी थी कि इन अधिकारियों ने नगर परिषद थानेसर में एक वर्ष के लिए आउटसोर्सिंग-1 के अंतर्गत 81 टिप्पर ड्राईवर, 62 हैल्पर-कम-स्वीपर व अन्य को रखने के लिए टेंडर जारी किया था। टेंडर में ऑनलाइन पोर्टल पर तकनीकी व वित्तीय बोली में पास होने वाली समितियों व ठेकेदारों की जानकारी उपलब्ध नहीं थी। जब बार-बार इन अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने मौखिक तौर पर बताया कि इस टेंडर का वर्क आर्डर कुरूक्षेत्र की एक निजी समिति को जारी किया जा चुका है, जबकि टेंडर में भाग लेने वाले सभी सहकारी समितियों के रेट एक समान थे।
टेंडर में 10 एजेन्सियों ने अपनी निविदाएं दी थी, जिनमें से 5 को पात्र पाया गया जबकि तकनीकी रूप से पास होने वाली कई समितियां सोसाइटी एक्ट 1984 के नियम 28 के उपनियम एक (1) के अनुसार नहीं थी। नगर परिषद थानेसर के लेखाकार व कार्यकारी अधिकारी ने नियमों को ताक पर रखकर दोनों टेंडर अपने चेहते ठेकेदार को जारी कर दिये, जिसने निविदा प्रक्रिया में भाग ही नहीं लिया था।
भूपेश्वर दयाल ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ा संज्ञान लिया गया तथा इस बाबत नगर परिषद के उक्त अधिकारियों को टेंडर प्रक्रिया के पूरे रिकार्ड के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय चंडीगढ़ में उपस्थित होने के निर्देश दिए। चण्डीगढ़ आने से पहले इन अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया की सारी फाइल को खुर्दबुर्द कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने फाइल गुम होने के मामले को एक गम्भीर मामला मानते हुए इसकी जांच विजिलेंस विभाग से करवाने का निर्णय लिया, जिसके आदेश मुख्यमंत्री ने दे दिए हैं।
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