नई दिल्ली/ फरीदाबाद- कई दशकों से तमाम राज्यों की बात करें या जिलों की बात करें और आंकड़ों पर जाएँ तो 90 फीसदी ऐसा पाएंगे कि राजनीति के क्षेत्र में एक दशक में बदलाव हुए हैं। तमाम राज्यों में कई बार एक दशक बाद जनता ने सीएम बदले हैं और सैकड़ों सांसद और हजारों विधायक भी एक दशक यानी दो टर्म के बाद तीसरी बार हारे हैं। ऐसा सिर्फ 80 फीसदी है, तमाम सांसद और विधायक तीसरी भी जीते हैं और कई नेता तीसरी बार भी सीएम बने हैं लेकिन अधिकतर नेता तीसरी बार कुर्सी गँवा चुके हैं। अब बात करते हैं फरीदाबाद की जहां की राजनीति अब अलग करवट ले रही है। आप की जोरदार एंट्री हो चुकी है और आम आदमी पार्टी किस पार्टी का समीकरण खराब करेगी ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन हलचल जरूर शुरू हो गई है। फरीदाबाद दिल्ली से सटा है इसलिए आम आदमी पार्टी को ज्यादा कमजोर नहीं समझा जा सकता है। लोकसभा चुनावों में अभी दो साल हैं और विधानसभा चुनाव उसके बाद होंगे इसलिए अभी समय बहुत है। हो सकता है अभी आप का जनाधार और बढे। आजकल लालच का जमाना है और टीम केजरीवाल मुफ्त में कई चीजें वितरित कर दिल्ली से पंजाब तक पहुँच चुकी है।
लोकसभा की बात करें तो भाजपा को छोड़कर किसी भी पार्टी के पास अब तक कोई मजबूत नेता नहीं है। अपनी गलतियों के कारण अवतार, करतार ठिकानें लग चुके हैं। ये दोनों भाई अब किसी भी हालत में कृष्णपाल गुर्जर को चुनौती देने लायक नहीं हैं। इनके ऊपर दल बदलू का बड़ा ठप्पा लग चुका है। बार-बार दल बदल दोनों भाइयों ने अपने राजनीतिक भविष्य पर कुल्हाड़ी खुद मार चुके हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पास फिलहाल कोई ऐसा नेता नहीं है जो पलवल और फरीदाबाद में मशहूर हो। करण दलाल पलवल तक सीमित हैं तो फरीदाबाद के कांग्रेसी नेता फरीदाबाद तक ही सीमित हैं इसलिए लोकसभा चुनावों में फिर कृष्णपाल गुर्जर बाजी मार सकते हैं। बात करें विधानसभा चुनाव 2024 की तो यहाँ बहुत कुछ अलग हो सकता है। भाजपा के विधयकों को कड़ी टक्कर मिल सकती है। आम आदमी पार्टी और मजबूत हुई तो इसका फायदा भाजपा को मिलेगा क्यू कि आम आदमी पार्टी में अधिकतर कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं और वो कांग्रेस को नुक्सान पहुंचाएंगे। अगर आम आदमी पार्टी ज्यादा आगे न बढ़ पाई और पंचायत और निगम चुनावों में आप को बड़ी सफलता न मिली तो फरीदाबाद लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों में से कम से कम 5 सीटें कांग्रेस के खाते में जाएगी। इसके कई कारण हैं। दो साल में मंहगाई पता नहीं कितने घरों के चूल्हों को बुझा देगी।
2022 तक हर किसी को छत यानी मकान देने का मोदी सरकार ने वादा किया था जो फेल साबित हो रहा है। शहर में कई जगहों पर झुग्गी बस्ती आप देख सकते हैं। 2022 में किसानों की आय दोगुना का वादा भी लगभग फेल होता जा रहा है। ये सभी मुद्दे विपक्ष जोरशोर से उठाएगा और भाजपा को घेरेगा। फरीदाबाद की हालत अब भी बहुत खस्ता है। लोग बेमौत मर रहे हैं। शहर में गड्ढों के कारण अधिकतर लोग परेशान हैं। शहर की कुछ सड़कें बन रहीं हैं और सत्ताधारी समझ रहे हैं कि इन सड़कों के बनने से माहौल चंगा हो जायेगा लेकिन जितनी सड़कें बन रहीं हैं उससे ज्यादा सड़कें टूट भी रहीं हैं। बनने वाली सड़कें जब तक बनेगी तब तक उससे दोगुनी सड़कें टूट जाएंगी। नेताओं से शायद इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा। शहर में तमाम बड़े अधिकारी हैं और लाखों की पगार मिलती है और शहर के लोग नाली साफ़ करने के लिए सीएम से ट्विटर पर गुहार लगाते हैं। ये मुद्दे भुनाए जाएंगे। हाल में दो तीन महीनों से हरियाणा में सबसे ज्यादा रिश्वतखोर फरीदाबाद में पकडे जा रहे हैं।
कुछ न कुछ तो गड़बड़ है और घोटालों की बात करें तो इस शहर में 200 करोड़ का घोटाला सुर्ख़ियों में है। आज इस घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी ने बड़ा प्रदर्शन किया और पार्टी के चीफ धर्मबीर भड़ाना ने मुख्य्मंत्री मनोहर लाल को घेरते हुए कहा कि सीएम कहते हैं कि भ्रष्टाचार का एक ही काल, मनोहर लाल, जबकि सच ये है कि वो भ्रष्टाचार का काल नहीं भ्रष्टाचारियो के काका हैं तभी कई साल पहले हुए 200 करोड़ के घोटालेबाज अब भी नहीं पकडे गए। सिर्फ एक ठेकेदार पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों को सत्ता का संरक्षण मिल रहा है।
एक खास बात सूत्रों द्वारा ये पता चली है कि आम आदमी पार्टी की टोपी पहन रहे कांग्रेसियों में अधिकतर कांग्रेसी अब भी अंदर से कांग्रेसी हैं और मौके पर चौका मार सकते हैं यानी जब देखेंगे कि कांग्रेस ने अब अच्छी राह पकड़ ली है तो टोपी उतार कांग्रेस के पाले में फिर आ जायेंगे। ऐसा तब होगा जब कांग्रेस अच्छी राह पर आएगी। फिलहाल तो हरियाणा कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। विधानसभा का चुनाव तक न जीत पाने वाले कांग्रेस के नेता कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहते हैं जिनसे मजबूत तो वर्तमान अध्यक्ष कुमारी सैलजा ही हैं।
एक मई को फरीदाबाद में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विपक्ष आपके समक्ष का कार्यक्रम है। उसके पहले अगर कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर कोई फेरबदल होता है तो बात ही अलग होगी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने का हर प्रयास फरीदाबाद में हुड्डा गुट के कांग्रेसी कर रहे हैं। यहाँ हुड्डा गुट इसलिए लिखना पड़ा क्यू कि दूसरे गुट के कहे जाने वाले कांग्रेसी खामोश दिख रहे हैं।
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