फरीदाबाद- शहर में नगर निगम चुनावों की आहट एक बार फिर लोगों की जुबान पर है। खुशकिस्मत भाजपा के लिए अच्छी खबर ये है कि अगर जल्द चुनाव हुए तब भी भाजपा के अधिकतर उम्मीदवार चुनाव जीत सकते हैं और मेयर पद भी भाजपा के खाते में फिर जा सकता है। 2017 से अब तक फरीदाबाद का विनाश होता रहा है फिर भी भाजपा निगम में सत्ता में आ सकती है जिसका प्रमुख कारण है कि शहर में अब भी विपक्ष नहीं है। कांग्रेस मुख्य विपक्ष के नाम पर सिर्फ एक धोखा है। फरीदाबाद में कांग्रेस समाप्ति के कगार पर आगे बढ़ रही है। कारण हाईकमान की महाकमजोरी और हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी है।
आम आदमी पार्टी कांग्रेस का विकल्प बनने का पूरा प्रयास कर रही है लेकिन अब तक जितने लोगों ने फरीदाबाद में इस पार्टी की टोपी पहनी है उनमे से शायद ही कोई पार्षद बन पाए। मेयर के डायरेक्ट चुनाव होंगे और कांग्रेस लाइन में भी नहीं खड़ी हुई और आम आदमी पार्टी से जो लाइन में हैं वो पार्षद बनने के लायक भी नहीं हैं। चर्चाएं है कि आम आदमी पार्टी का दिल्ली दरबार फरीदाबाद के कुछ बड़े और अच्छे कहे जाने वाले नेताओं के संपर्क में है और उन्हें मेयर पद के लिए मैदान में उतारने का वादा किया जा रहा है अगर वो पार्टी में शामिल हो जाते हैं। वक्त का इन्तजार है ऐसे नेताओं को आम आदमी पार्टी कब अपने पाले में लाएगी।
जेजेपी भाजपा की सहयोगी पार्टी है इसलिए इस पार्टी के नेता भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार का साथ देंगे और इनेलो और बसपा की बात करें तो ये दोनों पार्टियां फरीदाबाद में खात्मे के कगार पर हैं। कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद सैनी ने एक पार्टी बनाई थी जो अब विलुप्त हो चुकी है। उस पार्टी का कोई नेता शहर में ढूंढें से भी नहीं मिलता।
शहर के लाखों लोग इन दिनों तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं। आधा शहर खुदा पड़ा है, दिन रात कई-कई बार बिजली कट रही है, आधे शहर में सफाई नहीं हो रही है , हरियाणा सरकार के बड़े अधिकारी कहते हैं कि पूरे प्रदेश में हर घर तक सरकार का मीठे पानी का नल पहुँच गया लेकिन प्रदेश के कई जिलों के लोग बूँद, बूँद पानी के लिए तरस रहे हैं।
ये समस्या फरीदाबाद में भी है लेकिन विपक्ष की कमजोरी के कारण जनता दुखी है। कांग्रेस है ही नहीं और आम आदमी पार्टी है तो उसकी भी अपनी एक बड़ी मजबूरी है। एक दो नहीं सैकड़ों ऐसे कारण हैं कि अगर पंचायत या नगर निगम चुनाव जल्द भी हो गए तो भाजपा की बल्ले, बल्ले होगी।
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