फरीदाबाद। पृथला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गदपुरी में आगामी 15 अप्रैल से शुरू होने वाले टोल प्लाजा के विरोध में पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को सीकरी स्थित कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने कहा कि जनता एक तरफ महंगाई से पहले ही त्रस्त है, ऐसे में गदपुरी टोल शुरू होने से फरीदाबाद व पलवल जिले के लोगों की जेबों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा क्योंकि यह टोल फरीदाबाद और पलवल के मध्य पड़ता है और बल्लभगढ़ और पृथला क्षेत्र में स्थापित औद्योगिक इकाईयों चलाने वाले उद्योगपति या तो फरीदाबाद रहते है या फिर पलवल, ऐसे में उन्हें अपने कार्यस्थल पर आने के लिए भी टोल देना होगा वहीं औद्योगिक इकाईयों में चलने वाले वाहन भी दिन में कई-कई बार फरीदाबाद से पलवल व पलवल से फरीदाबाद जाते है, टोल शुरू होने से उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वहीं इस टोल के लगने से सबसे ज्यादा नुकसान ऐसे नौकरीपेशा लोगों को होगा, उनकी 20 से 25 हजार प्रतिमाह तनख्वाह है, ऐसे में करीब तीन हजार रूपए उन्हें टोल के रूप में भरने पड़ेंगे। उ
न्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर बल्लभगढ़ से पलवल तक अनेकों बैक्वेंट हाल बने हुए है, जहां शादी-ब्याह व अन्य प्रकार के आयोजन होते है, इन समारोह में जाने वाले व्यक्ति को टोल के रूप में सरकारी दहेज देना होगा। इसके अलावा लोगों की रिश्तेदारियां, दोस्त आदि कोई पलवल तो कोई फरीदाबाद रहता है, उन्हें भी अपने से मिलने के लिए गदरपुरी में टोल अदा करना होगा। वहीं किसानों को मंडियों तक अपनी फसल ले जाने के लिए भी इस टोल से गुजरना होगा और इससे उनकी जेबें भी ढीली होगी। श्री शर्मा ने कहा कि केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री ने लोकसभा पटल पर कहा था कि एक टोल प्लाजा के 60 किलोमीटर दायरे तक कोई दूसरा टोल नहीं लगेगा, जबकि बदरपुर बॉर्डर से गदपुरी की दूरी 22 किलोमीटर है, ऐसे में उन्हें इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। पत्रकार वार्ता के दोरान पृथला क्षेत्र के पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने मौजूदा विधायक नयनपाल रावत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह मामला वैसे तो जनप्रतिनिधि को उठाना चाहिए था, लेकिन बड़े दुख की बात है उन्हें न तो क्षेत्र की चिंता और न ही यहां की जनता की वह तो सत्ता की मलाई खाने में मस्त है, उन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है, मजबूरन उन्हें यह मुद्दा उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर जुलाई 2021 में उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी और ज्ञापन भी दिया था, अब फिर से वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपील करेंगे कि बाघौला पुल बनने से पहले उक्त टोल शुरू नहीं होना चाहिए और इस टोल के आसपास दायरे में आने वाले लोगों को टोलमुक्त रखा जाए, जिससे कि उन्हें राहत मिल सके, अगर फिर भी सरकार ने इस पर संज्ञान नहीं लिया तो वह जनता जनार्दन के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर उनके साथ मुख्य रूप से सुरेंद्र करदम, पवन नंरबदार सिकरौना, नितिन कौशिक, अनुज भाटी, देवा सरपंच गदपुरी, विजय नंबरादार मुजेडी, वीरपाल जी, अख्तर सरपंच अटेरना मौजूद थे।
Post A Comment:
0 comments: