रोहतक - बीते रविवार नवीन जयहिन्द ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों का 3 प्रतिशत खेल कोटा खत्म कर दिया है। यह सरकार हरियाणा के लाखो खिलाड़ियों को बर्बाद करना चाहती है। जयहिन्द ने हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि खिलाड़ियों का कोटा वापिस करे, नही तो 2 अप्रैल को नवरात्रे आरम्भ हो रहे है,उसी दिन मातारानी का आशीर्वाद लेकर रोहतक स्थित मानसरोवर पार्क में दोपहर 12 बजे पूरे हरियाणा के खिलाड़ियों के साथ एकत्रित होंगे व बीजेपी कार्यालय, मुख्यकार्यालय, राज्यकार्यालय का घेराव करेंगे। साथ ही जयहिन्द ने खिलाड़ियों से अपील की के सभी खिलाड़ी अपने-अपने खेल का सामान जैसे हॉकी,बैट-बॉल,रैकेट,मुदगर इत्यादि लेकर पहुंचे।
जयहिन्द ने इस फैसले को घटिया बताते हुए कहा कि यह खट्टर सरकार खिलाड़ियों के साथ गंदा खेल खेलना बन्द करे।हरियाणा खेल मंत्री संदीप सिंह को तो इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने खेल कोटा खत्म करवाकर सबसे घटिया काम किया है खिलाड़ियों के साथ। साथ ही जयहिन्द ने बताया बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उपमुख्यमंत्री दुष्यंय चौटाला को पता तक नही चला। यह बहुत हैरानी जनक बात है। हम उपमुख्यमंत्री जी से भी अपील करते है कि वे मुख्यमंत्री जी से बातचीत करके खिलाड़ियों का कोटा बहाल करवाने का प्रयास करें। जयहिन्द ने विपक्ष पर भी निशाना साधा व कहा कि हरियाणा सरकार के इस निर्णय पर विपक्ष बिल्कुल चुप्पी साधे बैठा हुआ है,क्यों विपक्ष खिलाड़ियों के हक की आवाज़ उठाने से घबरा रहा है।
जयहिन्द ने बताया कि हरियाणा के खिलाड़ी हरियाणा की शान व धरोहर है। हरियाणा को खेलो से ही दुनिया में जाना जाता है। हरियाणा के खिलाड़ियों ने हरियाणा को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है, जबकि हरियाणा सरकार ने ग्रुप A, B और C की सीधी भर्ती में खेल कोटे का आरक्षण (Haryana Sports Quota Reservation) खत्म कर दिया है इससे कई बड़े खिलाड़ी और आवार्ड विजेता कोच बहुत निराश हैं।
हरियाणा प्रदेश को देशभर में खेल फैक्ट्री के तौर पर देखा जाता है। हरियाणा के खिलाड़ियों ने ओलंपिक स्तर तक के खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। अब बेहतर तैयारी करने वाले खिलाड़ियों का भविष्य धूमिल हो गया है। जयहिन्द ने खेल कोटे के तहत भर्तियों में मिलने वाले खेल कोटे को फिर से बहाल करने की मांग की व कहा कि वे आज सड़क पर उतरने को इसलिए मजबूर हुए क्योंकि नवोदित खिलाड़ियों का उच्च पदों पर पहुँचने का रास्ता वर्तमान हरियाणा सरकार ने बंद कर दिया है।
जयहिन्द ने बताया मैं खुद एक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी रह चुका हूँ और मुझे पता है की एक खिलाड़ी कितना संघर्ष करके अपने जीवन में कैसे वृद्धि कर पाता है। खिलाड़ी को दिन में 8-8 घंटे मेहनत करनी पड़ती है। अगर हरियाणा से खिलाड़ी खत्म हुए तो हरियाणा बर्बाद हो जाएगा।
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