चंडीगढ़: हरियाणा के पलवल उपायुक्त कृष्ण कुमार के दिशा-निर्देशन में सिंचाई विभाग द्वारा विश्व जल दिवस मनाया गया। इस मौके पर कार्यकारी अभियंता सिंचाई विभाग सोम प्रकाश गर्ग ने सभी को पानी का महत्व समझाया ओर सभी को वर्षा जल का अधिक अधिक उपयोग के लिये प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है.... हालांकि, बढ़ते औद्योगीकरण, अति-उपयोग और सभी प्राकृतिक स्रोतों के दोहन की वजह से मानव जीवन को पानी की तीव्र कमी जैसी कुछ विकट परिस्थियों का सामना करना पड़ रहा है चूंकि पानी सभी प्राणियों के अस्तित्व का एक अहम निर्माण खंड है, इसलिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। ताकि ताजे पानी के महत्व और इस महत्वपूर्ण संसाधन के सतत प्रबंधन के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
इस मौके पर सूचना, शिक्षा व संचार प्रणाली के विशेषज्ञ वारिश ने विश्व जल दिवस के इतिहास और इसके महत्व पर तथा विश्व जल दिवस 2022 की थीम के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। हर साल विश्व जल दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है. भाषण, कविताओं और कहानियों के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण और इसका महत्व समझाने की कोशिश की जाती है. कई तरह की तस्वीरें और पोस्टर शेयर किए जाते हैं जिनका उद्देश्य लोगों को पानी की जरूरत समझाना होता है।
उन्होंने बताया कि भूमिगत जल कई झरनों, नदियों, झीलों, आद्र्रभूमि, यहां तक कि महासागरों तक के लिए पानी का स्रोत होता है. भूमिगत जल का भंडारण बारिश और बर्फबारी के बाद जमीन में पानी रिसने से होता है. इंसान इस पानी को पम्प और कुओं के जरिए निकालता है. इस तरह के स्रोतों का अधिक उपयोग इनके अस्तित्व के ही लिए खतरा बन जाता है. ऐसा तब होता है जब बारिश और बर्फबारी से जमीन रीचार्ज होने की गति से ज्यादा तेजी से पानी निकाल लिया जाए। भूमिगत जल को प्रदूषण से भी काफी खतरा है. जिसे पानी की कमी के साथ ही उसके शुद्धिकरण लागत बढ़ जाती है. यहां तक कि कई बार दो इस प्रदूषित पानी का उपयोग ही संभव नहीं होता है. इस समय दुनिया में जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय चुनौतियों के रहते है जीवन को बचाने के लिए भमिगत जल का संरक्षित करना प्रमुख लक्ष्य लक्ष्यों में शामिल करना होगा।
जलवायु परिवर्तन से बिगड़ते हालात के चलते भूमिगत जल का उपयोग और भी ज्यादा संवेदनशील होने लगा है. पानी का उपयोग मानवीय गतिविधियों के लिए बढऩे लगा है। कृषि से लेकर उद्योगों में पानी की जरूरत बढ़ती जा रही है और इसकी वजह से भूमिगत पानी का भी उपयोग बेतरतीब तरीके से बढ़ता जा रहा है। इसी लिए इस साल भूमिगत पानी के प्रंबंधन पर जोर देने का विचार किया है.
Post A Comment:
0 comments: