4 मार्च 2022- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने वीरवार को चंडीगढ़ कूच आंदोलन के लिए दो बसों में जाने वाली आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, हैल्परों को चंडीगढ़ जाने से रोकने के लिए रेवाड़ी पुलिस द्वारा जबरन उनकी बसों को अधिग्रहित करने व बसों में बैठी आंगनवाडी महिलाकर्मियों को बसों उतारने के लिए पुरूष पुलिसकर्मियों द्वारा की कई अभद्रता की कठोर आलोचना करते हुए इसे अलोकतांत्रिक, तानाशाहीपूर्ण कदम बताया। विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से पूछा कि वे बताये कि हरियाणा में लोकतांत्रिक संवैद्यानिक राज है या तानाशही का पुलिस राज? लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध व एक शहर से दूसरे शहर जाने के अधिकार को कैसे रोका जा सकता है? मुख्यमंत्री बताये कि रेवाडी जिले की आंगनवाडी महिलाकर्मियों को किस कानून के तहत और किसके आदेश पर चंडीगढ़ जाने से रोका गया है? क्या प्रदेश की राजधानी में अपने साधनों से जाना भी भाजपा खट्टर राज में अपराध है?
विद्रोही ने सवाल किया कि हरियाणा में जिस तरह विरोध, प्रदर्शन, अभिव्यक्ति के अधिकार पर सत्ता व पुलिस दुरूपयोग से डाका डाला जा रहा है, उसके बाद हरियाणा में लोकतांत्रिक व्यवस्था बची भी है क्या? रेवाडी की आंगनवाडी महिमाकर्मियों के साथ पुलिसकर्मी सिपाहियों का दुर्रव्यवहार क्या महिला अस्मिता, गरिमा पर हमला नही है? महिला गरिमा व अस्मिता पर हमला करवाने वाले जिला पुलिस अधीक्षक को क्या एक क्षण भी अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार है? रेवाडी में तो आंगनवाडी महिलाकर्मियों के साथ अभद्रता व ज्यादति पुलिस ने की और साथ में चंडीगढ़ जा रही प्रदेशभर की आंगनवाडी कर्मियों को जिस तरह बार्डर पर रोका गया, उन्हे बसों से उतारकर पैदल चंडीगढ़ की ओर जाने को पुलिस ने मजबूर किया, वह जुल्म, दमन, तानाशाही की इन्तहा है।
वीरवार को रेवाडी सचिवालय के समक्ष अपना रोष प्रकट कर रही आंगनवाडी महिलाकर्मियों को सम्बोधित करते हुए विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर राज में लोकतंत्र के नाम पर संघी फासीजम लादा जा रहा है जो किसी भी हालत में बर्दाश्त नही किया जायेगा। उन्होंने आंगनवाडी कर्मियों को आश्वस्त किया कि रेवाडी सहित पूरे प्रदेशभर में आंगनवाडी कर्मियों पर हो प्रशासनिक व पुलिस दमन का सवाल कांग्रेस विधानसभा के बजट सत्र में जोरशोर से उठाएगी और कांग्रेस आंगनवाडी कर्मियों की मांगों का समर्थन करते हुए उनके साथ मजबूती से खडी है। विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से मांग की कि वे सत्ता अहंकार व दमनात्मक रवैया छोड़कर वार्ता के द्वारा 87 दिनों से चल रहे आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के आंदोलन का सम्मानजनक हल निकाले।
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