नई दिल्ली- देश के कुछ नेतागण किसी नौटंकी के जोकर से कम भेष नहीं बदलते । इन्हे कुर्सी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। हाल में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव चुनाव हुए। एक-दूसरे पर नेताओं ने जमकर कीचड उछाले ताकि सत्ता मिल जाए, कुछ नेताओं ने दल भी बदले और जिस दल में मंत्री वगैरा थे उसी दल के खिलाफ आग उगलने लगे लेकिन 10 मार्च को उनके नए दल को कामयाबी नहीं मिली तो पिछले दरवाजे से अपने पुराने दल में घुसने का प्रयास कर रहे हैं और मंत्री बनने का जुआड़ लगा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में इस बार सपा और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन था और राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी और उनकी टीम को भरोषा था कि इस बार सत्ता में जरूर आएंगे और मतगणना से पहले ही पार्टी के दफ्तर को रंग रोगन कर नया रूप दिया गया लेकिन 10 मार्च को सारे सपने चकनाचूर हो गए। अब बड़ी जानकारी ये मिल रही है कि राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर मसूद अहमद ने पार्टी पर बड़े आरोप लगाते हुए इस्तीफ़ा दे दिया है।
मसूद अहमद ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले पार्टी ने टिकट बेंचा था और जानबूझकर समय से गठबंधन की सेटों का एलान नहीं किया गया। उन्होंने एक और आरोप सपा पर लगाते हुए कहा कि सपा ने आजाद समाज पार्टी और महान दल के नेताओ का अपमान भी किया जिस वजह से गठबंधन फ्लॉप हो गया। पढ़ें उनकी चिट्ठी
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