नई दिल्ली: हरियाणा के पलवल जिले की अदालतों में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन पुनीश जिंदिया के नेतृत्व में एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव पीयूष शर्मा के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों का निपटारा करने के लिए जिला अदालत पलवल, होडल एवं हथीन की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालतें लगाई गई। इन लोक अदालतों में 6 हजार 124 केसों में से 5 हजार 355 केसों का निपटारा किया गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश पलवल पुनीश जिंदिया तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव पीयूष शर्मा द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जिला न्यायिक परिसर पलवल में सभी मामलों के निपटान के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीश जिंदिया, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय कुमार खंडूजा, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसके गर्ग, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुखप्रीत सिंह, प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश डॉक्टर सुनीता ग्रोवर, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंड-अधिकारी राजेश कुमार यादव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पूनम कवर, प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट जूविनाइल जस्टिस रितु यादव, प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट गुलशन वर्मा, प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ज्योति मेहरा एवं प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट विकास वर्मा की न्यायिक पीठ पलवल में बनाई गई।
होडल न्यायिक परिसर में नेहा गुप्ता प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट एवं श्रीमान दीपक यादव प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए बैठाया गया। हथीन न्यायिक परिसर में मीनू की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाने के लिए बैठाया गया। इसके अतिरिक्त, वी.पी. पाठक चेयरमैन पब्लिक यूटिलिटी सर्विस एवं परमानेंट लोक अदालत के द्वारा भी प्री-लिटिगेटेड मुकदमों का निपटान किया गया।
इन सभी न्यायिक पीठों में अधिवक्ता नारायण सिंह परमार, अधिवक्ता हंसराज, अधिवक्ता कमलेश तेवतिया, अधिवक्ता रणसिंह, अधिवक्ता अनुराधा, अधिवक्ता नवीन रावत, अधिवक्ता भारत चौहान, अधिवक्ता कृष्णा शर्मा, अधिवक्ता महेश चंद्र, अधिवक्ता मधु, अधिवक्ता वीरेंद्र भाटी, अधिवक्ता रविंद्र चौहान, अधिवक्ता मोहन कुमार, अधिवक्ता सुभाष रावत और अधिवक्ता नवीन भारद्वाज ने बतौर सदस्य पीठ में शामिल हुए।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव पीयूष शर्मा ने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे मे बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतों में वाहन दुर्घटना मुआवजा, बैंक वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले,बिजली एवं पानी के बिल संबंधी मामले, श्रम विवाद, सभी प्रकार के पारिवारिक विवाद, चैक बांउस, राजस्व मामले आदि को रखा गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में उक्त विवादों के निपटारे के लिए सुलह एवं समझौते के आधार पर निपटारे के प्रयास किए गए, जिसके चलते राष्ट्रीय लोक अदालतों में पारिवारिक मामलों में 148 मे से 111 मामलों को सहमति से निपटाया गया।
फौजदारी के 261 मामलों में से 198 मामलों का निपटारा हुआ। चैक बाउंस के 156 मे से 45 मामले आपसी सहमति से निपटाए गए। वाहन दुर्घटना के 89 मामलों में से 31 मामलों को निपटाया गया। बैंक वसूली के 1877 मे से 1788 मामले निपटाए गए। अन्य दीवानी मामलों में 1241 मे से 1175 मामले निपटाए गए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर व्हीकल एक्ट/बिजली चोरी के 2306 मामलों की भी सुनवाई इस राष्ट्रीय लोक अदालत में की गई। इस राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान सभी अदालतों ने कोरोना महामारी के चलते हुए आने वाले सभी व्यक्तियों को सोशल डिस्टेंसिंग मास्क पहनना और हैंड सेनीटाइजर का ध्यान रखते हुए अदालतों की कार्यवाही को संपन्न कराया, जिससे कि इस महामारी को रोका जा सके और कानूनी कार्यवाही को सुचारू रूप से किया जा सके।
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