चंडीगढ़: विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को एक बार फिर से नियम 134 ए के अंतर्गत प्रदेश के हजारों गरीब परिवारों के बच्चों के दाखिले नहीं होने के मामले की गूंज सुनाई दी। कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने नियम 134 ए पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार से तीखे सवाल किए।
नीरज ने सवाल उठाया कि प्रदेश भर के हजारों गरीब परिवारों के बच्चों के दाखिले इस बार अभी तक अधर में क्यों लटके हुए हैं ? हरियाणा के विभिन्न जिलों में गरीब अभिभावक धरने प्रदर्शन करने को मजबूर हैं लेकिन उनके बच्चों के दाखिले फिर भी नहीं हो पाए हैं। पात्रता परीक्षा पास करने के बावजूद वे बच्चे दाखिलों से वंचित क्यों रह गए हैं ? सरकार को गरीबों के बच्चों के पढ़ाई की चिंता क्यों नहीं है ? अपने बच्चों के दाखिले करवाने के लिए जनवरी की भीषण सर्दी में उनके अभिभावकों को सड़कों पर आकर धरने देने पड़े लेकिन सरकार ने सिवाय तारीख पर तारीख आगे बढ़ाने के कुछ नहीं किया और आज तक भी हजारों बच्चों को दाखिला नहीं मिल पाया है। पुराने स्कूलों से एसएलसी कटवा चुके गरीब परिवारों के हजारों बच्चे निजी स्कूल में दाखिले से वंचित रह गए तो वह कहां जाएं ?
विधायक के सवालों पर जवाब देने के लिए शिक्षा मंत्री आगे आए और कभी अदालत का तो कभी करोना का बहाना लेते दिखाई दिए तो कभी कहा कि सरकार गंभीर है लेकिन नीरज के सवालों का उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। नीरज के साथ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर निर्दलीय बलराज कुंडू, कांग्रेस के वरुण चौधरी, जगबीर मलिक,शीशपाल सिंह,चिंरजीव राव ने भी सवाल पूछे। इन पर शिक्षा मंत्री यह भी नहीं बता पाए कि 26 दिसंबर 2021 को शिक्षा विभाग ने आखिर किस नियम के तहत पत्र जारी कर के परिवार पहचान पत्र का विवरण गरीब बच्चों से मांगा। पात्रता परीक्षा पास करने के बाद नियमों के साथ छेड़छाड़ करने की इजाजत किसने दे दी ? नियम 134 ए के तहत बाकायदा पूरे आंकड़े सदन के सामने रखे जिनका कोई संतोषजनक जवाब शिक्षा मंत्री नहीं दे पाए।
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