फरीदाबादः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऐलान किया है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर गरीब लोगों का हाउस टैक्स माफ किया जाएगा। साथ ही उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस शासित राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में भी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाएगा। हुड्डा कल शाम फरीदाबाद में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लखन कुमार सिंगला के निवास पर एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सोनीपत और अंबाला की तरह कॉरपोरेशन के चुनाव सिंबल पर लड़ेगी। कमेटी और काउंसलर के चुनाव पर पार्टी फैसला करेगी।
उन्होंने प्रदेश व फरीदाबाद के हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि फरीदाबाद में मेट्रो, बाईपास, मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी से लेकर तमाम कार्य कांग्रेस कार्यकाल में ही हुए थे। लेकिन बीजेपी व बीजेपी-जेजेपी सरकार के 7 साल में यहां कोई भी काम नहीं हुआ। फरीदाबाद से लेकर पूरे प्रदेश में सड़कों की हालत ऐसी हो गई है कि पहले सड़कों में खड्डे में मिलते थे, अब तो खड्डों में सड़क मिलती है। जो हरियाणा 2014 से पहले प्रति व्यक्ति आय, निवेश, विकास व खुशहाली में नंबर एक था, उसे बीजेपी-जेजेपी ने मिलकर बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध व बदहाली में नंबर वन बना दिया है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) द्वारा ड्रॉ बंद कर नीलामी से प्लॉट्स देने के फैसले पर आपत्ति भी जारी की। उनका कहना है कि इससे सेक्टर्स में घर बनाना आम आदमी के लिए सपना ही रह जाएगा। क्योंकि ड्रॉ के मुकाबले नीलामी में लोगों को 5 से 10 गुना महंगी कीमत पर प्लॉट मिलेंगे। इतनी कीमत दे पाना गरीब व मध्यम वर्ग के बूते से बाहर है।
एक बयान जारी कर हुड्डा ने कहा कि रेजिडेंशियल प्लॉट की ई-ऑक्शन पॉलिसी को आम जनता के हितों पर सीधा कुठाराघात करार दिया है। उनका कहना है कि यह नीति अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा देने, प्रॉपर्टी डीलरों और प्राइवेट कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है। जबकि हुडा का मकसद गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को सुविधा सम्पन्न व योजनाबद्ध तरीके से बनाए गए सेक्टर्स में आवास मुहैया करवाना था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का प्रदेश के शहरी विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान कल्याणकारी नीतियों को अमलीजामा पहनाने के बावजूद यह प्राधिकरण मनाफे में था। लेकिन बीजेपी व बीजेपी-जेजेपी सरकार की नीतियों ने इसे गर्त में पहुंचा दिया और आज इसे घाटे में बताकर नीलामी प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है।
पहले हुडा द्वारा विभिन्न वर्गों खासकर निम्न आय वर्ग जिनमें एससी एवं बीसी वर्ग के साथ पूर्व सैनिक, सरकारी कर्मचारियों, वकीलों इत्यादि के लिये रेजिडेंशियल प्लॉट के आवंटन में रिजर्वेशन की पॉलिसी लागू की गयी थी। आरक्षित वर्ग को कम कीमत में प्लॉट किए जाते थे। लेकिन मौजूदा सरकार की ई-ऑक्शन पॉलिसी में सभी प्रकार की रिजर्वेशन को खत्म कर दिया गया है। इससे सरकार की आरक्षण विरोधी मानसिकता एकबार फिर उजागर हुई है। इतना ही नहीं ई-ऑक्शन प्रणाली को भी इतना जटिल बना दिया गया है कि सामान्य व्यक्ति इसमें हिस्सा ही नहीं ले पाता।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मध्यमवर्ग पर चोट मारने से पहले बीजेपी सरकार गरीब वर्ग के विरुद्ध भी ऐसा ही फैसला ले चुकी है। कांग्रेस सरकार के दौरान गरीब वर्ग के लोगों को 100-100 गज के प्लॉट और मकान बनाने के लिए 92-92 हजार रुपए दिए जाते थे। लेकिन सत्ता में आते ही बीजेपी ने गरीबों की इस कल्याणकारी योजना को बंद कर दिया। गरीबों के हकों पर हमला करने के बाद सरकार ने अब मध्यम वर्ग के हितों पर प्रहार किया है। सरकार से मांग है कि ऐसे जनविरोधी फैसलों पर रोक लगाए जाए और गरीब व मध्यम वर्ग को आवासीय सुविधाएं देने की योजनाओं को आगे बढ़ाया जाए।
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