
विद्रोही ने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव के बाद मोदी-संघी सरकार रसोई गैस सिलेंडर में 50 रूपये व कर्मिशियल सिलेंडर में 137 रूपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि कर चुकी है। वहीं पीएनजी व सीएनजी गैस के भावों में भी 50 पैसा से एक रूपया प्रति किलोग्राम की बढा चुकरी है। पैट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर, पीएनजी-सीएनजी के भाव बढने से रसोई व दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं के भाव बढ गए है। अभी तो खाद्य सामग्री के भाव आसमान पर है, पर महंगाई डायन धीरे-धीरे चौतरफा वार करके हर क्षेत्र में ऐसी मार करने वाली है, जिससे कोई बचने वाला नही। विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की तुगलकी आर्थिक नीतियों के चलते पहले ही बेरोजगारी, महंगाई, भूखमरी, भ्रष्टाचार चरम पर है और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते विश्व बाजार में क्रूड ऑयल के बढते भावों ने इस महंगाई, बेरोजगारी की आग में घी डालने का काम किया है जिससे यह आग इतनी भड़क चुकी है कि इसकी लपटों से झुलसने में क्या खास और क्या आम, कोई नही बचा। विद्रोही ने कहा कि कभी अच्छे दिन लाने का जुमला उछालकर सत्ता में आये मोदी-भाजपा अच्छे दिनों के नाम पर इतने बुरे दिन लाएंगे, इसकी आमजनों ने कल्पना भी नही की थी।
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