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Faridabad Sps- एक भावी मेयर उम्मीदवार कुर्सी से उतरा नहीं और दूसरा कुर्सी छू तक नहीं पाया

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चंडीगढ़/ फरीदाबाद- बड़े परिवार में दो गुट हों तो परिवार कमजोर हो जाता है और बड़ी राजनीतिक पार्टियों में दो गुट हों तो पार्टियों को भी नुक्सान  होता है। गुटबाजी राजनीतिक पार्टियों को दीमग की तरह चाट जाती है। हाल में कांग्रेस गुटबाजी के कारण पंजाब में सत्ता से दूर हो गई तो हरियाणा में भी कांग्रेस इसी वजह से सत्ता से दूर है। गुटबाजी सत्ताधारी भाजपा में भी है लेकिन हाईकमान मजबूत है और सब कुछ समय पर संभाल लेता है।  हरियाणा की बात करें तो कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों की कमजोरी का फायदा अब आम आदमी पार्टी उठाने का प्रयास कर रही है। पार्टी में शामिल होने वालों का तांता लगा है लेकिन इस पार्टी में भी अब गुटबाजी प्रवेश कर चुकी है। 

आम आदमी पार्टी में गुटबाजी का नजारा आज फरीदाबाद कार्यकर्ता सम्मलेन में देखने को मिला। इस सम्मलेन में कई जिलों के कार्यकर्ता आये हुए थे। अन्य जिलों के कार्यकर्ता आज आपस में चर्चा करते देखे गए जिनका कहना था कि कार्यक्रम स्थल के पास लगे कुछ होर्डिंग्स में जिला अध्यक्ष धर्मबीर भड़ाना की तस्वीर गायब क्यू है? क्या यहाँ पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है?  कार्यक्रम स्थल के पास ऐसे कुछ होर्डिंग्स लगे थे जिसमे जिला अध्यक्ष की तस्वीर गायब थी। 

इस सम्मलेन में ये भी देखा गया कि मेयर पद के संभावित उम्मीदवार ओपी वर्मा जिनका नाम राज्य सभा सांसद एवं हरियाणा के प्रभारी सुशील गुप्ता के सामने पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मबीर भड़ाना ने कई बार लिया और उन्हें मेयर पद का प्रत्याशी बताया और ओपी वर्मा कार्यक्रम के दौरान मंच की कुर्सी पर ही बैठे दिखे जबकि मेयर पद के एक और संभावित उम्मीदवार अमन गोयल मंच की कुर्सी पर शायद एक बार भी बैठे नहीं दिखे। एक बार मुख्य अतिथि को माला पहनाने के समय मंच एक पहुँच पाए और जब सुशील गुप्ता कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे तब उनके पास दिखे लेकिन कुर्सी से फिर भी दूर रहे। 

अब इसी बात की चर्चा शहर में है और अन्य जिलों से आये आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में है कि फरीदाबाद में तो अभी से पार्टी में गुटबाजी शुरू हो गई। यही नहीं कैसे ऐसे नेता भी कुर्सी तक नहीं पहुँच पाए जो खुद को पार्टी का बड़ा नेता कहते आये हैं। अब देखना ये है कि आम आदमी पार्टी का हाईकमान इस गुटबाजी को ख़त्म कर पाटा है लेकिन कांग्रेस हाईकमान जैसा साबित होगा। 

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