31 मार्च 2022- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने राईट टू एजूकेशन के तहत नियम 134ए अनुसार हरियाणा के निजी स्कूलों की पहली से 12वीं कक्षा तक गरीब छात्रों को मिलने वाले प्रवेश अधिकार को भाजपा खट्टर सरकार द्वारा 28 मार्च 2022 को एक अधिसूचना जारी करके रद्द करने के फैसले को गरीब विरोधी फैसला बताते हुए आरोप लगाया कि ऐसा निर्णय करके मुख्यमंत्री खट्टर ने मेरे इस आरोप को खुद ही साबित कर दिया कि भाजपा व निजी स्कूल संचालक आपसी मिलीभगत, सांठगांठ करके गरीब छात्रों के निजी स्कूलों में प्रवेश लेने के अधिकार पर डाका डाल रहे है। विद्रोही ने कहा कि यह पिछले वर्ष से ही तय हो गया था कि भाजपा खट्टर सरकार निजी स्कूलों में गरीब छात्रों के शिक्षा अधिकार के नियम 134ए के तहत मिलने वाले प्रवेश को खत्म करने का निजी स्कूल संचालकों से मिलकर सुनियोजित षडयंत्र कर रही है। तभी तो वर्ष 2021-22 शिक्षा सत्र के लिए गरीब बच्चे नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए पूरे वर्ष सडकों पर आंदोलन करते रहे, फिर भी शिक्षा सत्र समाप्त होने के एक माह पूर्व केवल 21 हजार गरीब छात्रों को ही पूरे प्रदेश में बडी मुश्किल से प्रवेश मिला था।
विद्रोही ने कहा कि तब भी मैंने कई बार मीडिया को बयान जारी करके आरोप लगाया था कि भाजपा खट्टर सरकार व निजी स्कूल संचालक एक सुनियोजित रणनीति के तहत गरीबे बच्चों को शिक्षा अधिकार गारंटी कानून के नियम 134ए के तहत मिलने वाले प्रवेश से वंचित कर रहे है और सरकार द्वारा इस नियम को खत्म करने की भूमिका तैयारे की जा रही है। अब मेरा आरोप सच साबित हुआ जब हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार ने 28 मार्च 2022 को बकायदा अधिसूचना जारी करके हरियाणा में राईट टू एजूकेशन के तहत नियम 134ए के अनुसार निजी स्कूलों में गरीबों को प्रवेश मिलने के अधिकार को खत्म करके केवल पहली व नर्सरी कक्षाओं में गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश मिलेगा, यह नियम बना दिया है। भाजपा सरकार ने इस रवैये से भाजपा व निजी स्कूल संचालकों की आपसी मिलीभगत पूरे प्रदेश के सामने बेनकाब हो गई।
विद्रोही ने कहा कि राईट टू एजूकेशन के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के प्रवेश का हक छीनकर फिर साबित हुआ है कि संघी हिन्दुत्व के नाम पर मनुवादी एजेंडे पर चलने वाली भाजपा-संघ गरीबों, पिछडे, दलितों, शोषितों व वंचितों को आज भी मानसिक रूप से शूद्र मानकर उन्हे शिक्षा लेने से वंचित रखने में हर तिकडम अपनाने में लगी हुई है। भाजपा का यह रवैया न केवल गरीब विरोधी है अपितु कांग्रेस-यूपीए राज में देश के हर बच्चे को दिये राईट टू एजूकेशन अधिकार को भी सत्ता दुरूपयोग से अवरोध करने की चाल है।
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