फरीदाबाद, 12 फरवरी। रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद एनआईटी नेक्स्ट द्वारा आज सेक्टर 4 स्थित पीपी स्टील कारपोरेशन में माता मालती मोहिंदर सिंह सिंघल की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन किया, जिसका फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता ने विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान युवाओं ने उत्साह से रक्तदान किया। शिविर में कुल 85 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।
इस अवसर पर प्रेम प्रकाश पसरीचा, क्लब के अध्यक्ष नवीन पसरीचा, सुनील मंगला, एचएल भूटानी, महेंद्र मेतानी, दीपक प्रसाद, जितेंद्र अरोड़ा, वासुदेव अरोड़ा, विपिन चावला, सुनील खंडूजा, दिनेश छाबड़ा, वीरेंद्र, समीर सपरा, संजय अग्रवाल, मोहिन्दर तनेजा, इशिता, प्रत्युष, जसलीन, चयन पसरीचा, रचना पसरीचा, डिम्पल व खुशबू गुप्ता आदि रक्तदाताओं की हौसला अफजाई कर शिविर को सफल बनाया। इस अवसर पर मुख्यातिथि विधायक नरेंद्र गुप्ता ने रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के चलते मरीजों के लिए रक्त की आवश्यकता बढ़ गई है, जिसकी पूर्ति के लिए हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान कर इस नेक कार्य में हाथ बंटाना चाहिए। वहीं सडक़ हादसों में घायल मरीजों के लिए भी रक्त की भारी आवश्यकता रहती है।
वहीं प्रेम प्रकाश पसरीचा, क्लब के अध्यक्ष नवीन पसरीचा व समाजसेवी टोनी पहलवान कहा कि किसी भी स्वस्थ व्यक्ति द्वारा किया गया रक्तदान किसी अनजान व्यक्ति की जान बचा सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान से कमजोरी आती है इस मिथक को तोडक़र बिना झिझक के रक्तदान करना चाहिए, क्योंकि रक्तदान से रक्तदाता को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। हर नागरिक को कम से कम तीन माह में एक बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए। रक्तदान करने से नए ब्लड सेल बनते है जिससे शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि रक्त का किसी भी प्रकार से उत्पादन नहीं किया जा सकता है और न ही इसका विकल्प है। इसलिए युवाओं को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए।
आयोजकों ने बताया कि वर्ष 2019 की 13 फरवरी को इस नश्वर संसार को छोड़ने वाली माता मालती मोहिंदर सिंह सिंघल बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने वाली एक प्रसिद्ध शिक्षाविद थीं। 29 मई 1922 को जन्मी सिंघल को गरीब लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था। वह कई धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों से जुड़ी हुई थीं। उन्होंने समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनके संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा उनका सम्मान और प्यार किया गया। उन्होंने सख्त चयन मानदंड के बाद हर साल 10 सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को दिए जाने वाले पुरस्कार की स्थापना की।
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