03 फरवरी 2022- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार व चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के वर्ष 2022-23 के लिए जारी कलैंडरों मेें चौ0 चरण सिंह व चौ0 बंसीलाल की फोटो न लगाना कोई संयोग न होकर किसानों के मार्गदर्शक, रहनुमा नेताओं को अपमानित करने का एक सुनियोजित प्रयोग है। विद्रोहीे नेे कहा कि पूंजीपतियों की समर्थक व संघी मनुवादी व्यवस्था में विश्वास रखने वाली भाजपा सुनियोजित ढंग से किसानों व खेतिहर मजदूरों को अपमानित तो कर ही रही है, साथ में उनके मार्गदर्शक व प्ररेणा स्त्रोत रहे महान नेताओं को भी अपमानित करने का पाप कर रही है। चौ0 चरणसिंह व चौ0 बंसीलाल की फोटो विश्वविद्यालय कलैंडरों से हटाने सम्बन्धित विश्वविद्यालयों के प्रबंधक इसेे स्पेस की कमी बताकर अपनी सुनियोजित साजिश पर पर्दा डालने का कुप्रयास कर रहे है।
विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के लोगों को भाजपा का किसान विरोधी व हरियाणा विरोधी कुल्सित चेहरा उसी समय पहचान लेना चाहिए था जब भाजपा खट्टर सरकार बनते ही हरियाणा निर्माण के प्रबल विरोधी रहे और हरियाणा निर्माण के विरोध में अनशन पर बैठने वाले उस समय के जनसंघ अध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर भाजपा सरकार ने करनाल में अतंरिक्ष यात्री भारत की बेटी कल्पना चावला के नाम पर बने मेडिकल कालेज व विश्वविद्यालय का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से किया था। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा निर्माण विरोधी पंडित दीनदयान उपाध्याय के नाम से किसी भी संस्थान, सरकारी योजना का नामकरण करना ही हरियाणा वासियों व हरियाणा संस्कृति का अपमान था। जब सिर पर बैठाकर हरियाणा की जनता लोकतांत्रिक ढंग से वोट के माध्यम से सत्ता सौपेंगी तो किसान बाहुल्य हरियाणा के लोगों को अपने मार्गदर्शक व प्ररेणा स्त्रोत रहे दिवंगत नेताओं का इसी तरह अपमान करने का भाजपा को अवसर देकर खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाडी मारी थी। और उसी का यह दुष्परिणाम है कि भाजपा खट्टर सरकार द्वारा नियुक्त संघी कठपुतलियों ने एक सुनियोजित रणनीति के तहत चौ0 चरण सिंह व चौ0 बंसीलाल की फोटो कलैंडरों से हटाने की हिमाकत की है।
विद्रोही ने हरियाणा के लोगों को चेतावनी दी यह तो एक बानगी है। यदि उन्होंने भाजपा-संघीयों को वोट के बल पर हरियाणा से बाहर नही खदेडा तो वे इतिहास व हरियाणा सभ्यता-संस्कृति के साथ खिलवाड़ करके उन पर अप्रत्यक्ष रूप से संघी मनुवादी व्यवस्था भी सत्ता दुरूपयोग से लादकर उनका हरसंभव शोषण व अपमान करने का कुप्रयास करते रहेंगे।
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