08 फरवरी 2022- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से आग्रह किया कि वे सत्ता अंहकार छोडकर 65 दिनों से सडकों पर संघर्ष कर रही आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, हैल्परों से वार्ता करके उनकी मांगों के संदर्भ में सर्वसम्मत हल निकालकर आंगनवाडी कर्मियों की हडताल व आंदोलन को खत्म करने की ईमानदारीपूर्ण गंभीर पहल करे। विद्रोही ने कहा कि ठंड में 65 दिनों से आंगनवाडीकर्मी महिलाओं का सडकों पर आंदोलन करना और भाजपा खट्टर सरकार का इस आंदोलन के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया किसी भी तरह उचित नही नही है। मनोहरलाल खट्टर को एक सांमती राजा की बजाय लोकतांत्रिक ढंग से चुने हुए मुख्यमंत्री की तरह आचरण करके प्रदेश के हर नागरिक की समस्या का समाधान करने के अपने संवैद्यानिक कर्तव्य की पालना करना चाहिए। विद्रोही ने कहा कि आंगनवाडी कर्मी महिला ऐसी कोई मांग नही कर रही जिसकी स्वयं सरकार ने लागू करने की घोषणा न की हो। आंगनवाडी कर्मियों के संदर्भ में चाहे संसद में 2018 में प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा की गई घोषणा हो या मार्च 2018 में मुख्यमंत्री खट्टर जी द्वारा हरियाणा विधानसभा में की गई घोषणा हो, उन सभी घोषणाओं को भाजपा खट्टर सरकार को ईमानदारी से लागू करके आंगनवाडीकर्मी महिलाओं का आंदोलन खत्म करवाना चाहिए। लोकतंत्र में यदि प्रधानमंत्री द्वारा संसद में व मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभो में की गई घोषणाओं को भी सरकारे लागू नही करेगी तो लोकतंत्र के होने या न होने का औचित्य ही क्या है?
विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर जी से अपील की कि वे सत्ता अंहकार की जींद छोडकर आंदोलनरत आंगनवाडी कर्मियों से तत्काल स्वयं वार्ता करके उनकी मांगों का सर्वसम्मत हल निकाले। वहीं विद्रोही ने कहा कि जेल नियमों अनुसार किसी भी कैदी को जेल के फरलो मिलना उसका कानूनी अधिकार है, पर पंजाब चुनाव के समय डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम का 21 दिन की फरलो देकर जेल से बाहर निकालने की टाईमिंग पर हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार की नीयत पर स्वभाविक सवाल खड़ा करता है। विद्रोही ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए जेल कैदियों को फरलो देने के अधिकार का सत्ता दुरूपयोग से प्रयोग करना अनुचित व अनैतिक है।
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