फरीदाबाद: पुलिस द्वारा यात्रा करते समय नागरिकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए लगातार जागरूक किया जाता रहा है। यात्रा करते समय वाहन चालकों को सीट बेल्ट लगाने, रेड लाइट का ध्यान रखने, तेज गति में वाहन न चलाने, सभी सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने तथा शराब पीकर गाड़ी न चलाने के बारे में हिदायतें दी जाती रही हैं परंतु वाहन चालक यातायात नियमों को गंभीरता से नहीं लेते जिसकी वजह से उन्हें गंभीर दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। वाहन चालकों को यातायात नियमों की गंभीरता उस समय समझ आती है जब उनके साथ कोई बड़ा हादसा घटित हो चुका होता हो। यदि वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए यात्रा करें तो वह अपने साथ साथ गाड़ी में सफर कर रहे तथा उनके आगे पीछे चलने वाली गाड़ियों में बैठे व्यक्तियों को भी सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचा सकते हैं।
इसी प्रकार कल रात एक बहुत बड़ी सड़क दुर्घटना घटित हो गई जिसमें यदि पुलिस कारवाई ना करती तो शायद एक वाहन चालक अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठता। देर रात फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर हुए भयानक एक्सीडेंट में पुलिस टीम द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई और बुद्धिमता की बदौलत गाड़ी चालक की जान बचाई जा सकी।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि रात करीब 10:00 बजे एक सियाज गाड़ी गुरुग्राम से फरीदाबाद की तरफ से आ रही थी जिसे सेक्टर 21 का रहने वाला करण नाम का व्यक्ति चला रहा था। ड्राइवर ने शराब पी रखी थी। गाड़ी ने जैसे ही टोल नाका क्रॉस किया तो चालक ने अपना संतुलन खो दिया और गाड़ी सड़क से नीचे उतर गई और पहाड़ियों से होकर गुजर रही 11000 वोल्ट की हाई ट्रांसमिशन लाइन के खंभे से टकरा गई और टकराने के बाद खाई की तरफ लटक गई। टक्कर की वजह से तारों सहित खंबा गाड़ी के ऊपर आ गिरा जिसकी वजह से गाड़ी पूरी तरह से तारों के बीच में उलझ गई।
पुलिस चौकी मांगर प्रभारी रामकिशन को जैसे ही इसके बारे में सूचना मिली तो वह हवलदार महावीर और सिपाही रविंद्र को लेकर तुरंत मौके पर पहुंचे और मामले की गंभीरता को देखते हुए बिजली विभाग में फोन करके उन्हे सूचित करते हुए लाइन का कनेक्शन कटवा दिया। बिजली बंद करवाने के पश्चात चौकी प्रभारी ने ड्राइवर को गाड़ी से बाहर निकालना चाहा परंतु गाड़ी तारों के बीच में फस चुकी थी। इसके पश्चात कई देर की कड़ी मेहनत और वहां पर मौजूद लोगों की सहायता से गाड़ी चालक को बाहर निकाला गया। चालक के हाथ पैर में काफी चोट लगी हुई थी और खून भी बह रहा था। चालक की गंभीर हालत को देखते हुए एसआई रामकिशन ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाने का निश्चय किया और स्ट्रेचर मंगवाकर चालक को उसके ऊपर लेटाया और उसे तुरंत एशियन हॉस्पिटल के लिए रवाना कर दिया। अस्पताल पहुंचने पर चालक को उपचार दिया गया इसके पश्चात चालक की हालत में सुधार हुआ। डॉक्टर ने बताया कि चालक की हालत बहुत ज्यादा गंभीर थी और यदि उसे लाने में ओर अधिक देरी हो जाती तो उसकी जान भी जा सकती थी परंतु पुलिस की तत्परता और सूझबूझ ने उसे एक नई जिंदगी दिलवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
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