फरीदाबाद - नगर निगम चुनावों के लिए वार्डबंदी की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है लेकिन संभावित उम्मीदवारों को शायद पता चल गया है कौन सा वार्ड कहाँ से कुतरा गया है और कहा जोड़ा गया है। विपक्ष का कहना है कि भाजपा ने अपने फायदे के लिए वार्डों को इधर उधर किया है। कई निवर्तमान पार्षदों में भी सुगबुगाहट है कि अपने वार्ड के जिस क्षेत्र में हमने करोड़ों रूपयों के विकास कार्य करवाए वो क्षेत्र हमारे वार्ड से अलग कर दिया गया है। कहीं खुशी, कहीं गम का नजारा देखा जा रहा है। खुश शहर के कुछ युवा हैं जिन्हे लग रहा है कि किसी न किसी वार्ड से उन्हें इस बार मौका मिल जायेगा। पिछले चुनाव में वो जहाँ से मैदान में कूदना चाहते थे वो वार्ड रिजर्व कर दिया गया था लेकिन मौके से चूक गए और पांच साल अगले चुनाव का इन्तजार करते रहे। अब वार्ड बढ़ गए हैं और इधर-उधर भी कर दिए गए हैं जैसे की चर्चाएं हैं ऐसे में उन्हें अब मौका मिल सकता है।
शहर में चर्चाएं ये भी हैं कि लगभग आधे वर्तमान सत्ताधारी पार्षदों का टिकट कट सकता है। इनमे अधिकतर वो पार्षद हैं जो पिछले चुनाव में मोदी-मोदी कर चुनाव जीत गए थे। इनमे से तमाम पार्षदों के बारे में चर्चाएं हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र में कोई काम काज नहीं किया और जनता उनसे नाराज है। शहर के बड़े नेताओं तक भी ये बात पहुँच चुकी है और ऐसे पार्षदों का पत्ता कट सकता है। इनकी जगह युवा और मेहनती भाजपा कार्यकर्ताओं को मौका मिल सकता है इसलिए तमाम युवा भाजपा नेता खुश भी हैं। इस चुनाव में तमाम युवा चेहरे मैदान में दिख सकते हैं।
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