हुड्डा ने कहा कि 5100 रुपए पेंशन का वादा करके सत्ता में आई पार्टियां लगातार पेंशन कटौती कर रही हैं। पेंशन को फैमिली आईडी से जोडक़र अब तक हजारों बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई है। सरकार और भी हजारों बुजुर्गों की पेंशन पर कैंची चलाने की प्लानिंग कर रही है। एक तरफ सरकार द्वारा बुजुर्गों के सम्मान भत्ते की कटौती और दूसरी तरफ उसके भुगतान में देरी इस कल्याणकारी योजना के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाता है। बुजुर्गों को पेंशन के लिए तरसाना उनका अनादर है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह बुजुर्ग सम्मान भत्ता उनके बुढ़ापे का सहारा है। इस पर परिवार पहचान पत्र और बेवजह के आर्थिक मापदंडों को थोपना बुजुर्गों का अनादर है। सरकार को पेंशन कटौती और भुगतान में लेटलाटिफी की नीति को बंद करना चाहिए। यह सरकार ऐसा नहीं करती है तो भविष्य में उनकी सरकार बनने पर जिन बुजुर्गों की पेंशन काटी गई है, उसको वापस बहाल किया जाएगा और वादे के मुताबिक उसमें बढ़ोतरी की जाएगी। प्रदेश सरकार के कामकाज पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा का हर महकमा आज कर्मचारियों की किल्लत झेल रहा है, क्योंकि सरकार खाली पदों पर भर्ती नहीं कर रही है। आलम यह है कि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है और स्कूल-कॉलेज में टीचर नहीं है। सरकारी दफ्तरों की बजाए कर्मचारी सडक़ों पर नजर आते हैं, क्योंकि वो भी सरकार की नीतियों परेशान हैं। कर्मचारी ही नहीं किसान समेत हर वर्ग मौजूदा सरकार के विरोध में आंदोलनरत है। किसानों पर सरकार की नीतियों और मौसम की दोहरी मार पड़ रही है। लगातार बेमौसमी बारिश की वजह से उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है। लेकिन सरकार की तरफ से मुआवजा देना तो दूर अब तक पूरी तरह गिरदावरी भी नहीं करवाई गई। यहां तक कि पिछले साल का मुआवजा भी अब तक पेंडिंग है। किसान मुआवजे और जल निकासी के समाधान का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के साथ भी बड़ा धोखा किया है। समझौते के बावजूद अब तक उनके मुकदमे वापस नहीं हुए। इसी तरह देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे प्रदेश के युवाओं के साथ भी सरकार लगातार धोखा कर रही है। एकबार फिर जनवरी के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा बेरोजग़ारी दर में देश भर में टॉप पर है। लेकिन सरकार संस्थाओं पर ही सवाल उठा रही है। जबकि उत्तर प्रदेश में बीजेपी उन्ही संस्थाओं के आंकड़ों को दिखाकर वोट मांग रही है।
हुड्डा ने कहा कि इसी तरह सरकार प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण का युवाओं के साथ छलावा है तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में डोमिसाइल की शर्त को 15 से घटाकर 5 साल कर दिया गया है। हरियाणा देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहां 5 और 15 साल के दो अलग-अलग डोमिसाइल हैं। इससे हरियाणा के युवाओं को फायदा होने की बजाय नुकसान होगा। इस अवसर पर पूर्व मंत्री सुखवीर कटारिया, पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा, पूर्व विधायक रघूवीर तेवतिया, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता योगेश गौड़, वेदपाल दायमा, बी डी शर्मा, राजदीप , भारत भूषण, नरेन्द्र चौहान, एम एस नागर, मुकेश भाटी, जे पी राय, अनिल त्यागी, ओमवीर सरपंच, लक्ष्मण चेयरमैन, जवारह सरपंच, डालचंद चेयरमैन, आजाद सिंह भड़ाना, शिक्षाविद एडवोकेट नारायण सिंह डागर, जगवीर तेवतिया, हरिश मित्तल, योगेश अग्रवाल, अनिल पोसवाल सहित अनेक गणमांय लोग उपस्थित थे।
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