चंडीगढ़ , - यूक्रेन में फंसे बच्चों को वापस लाने के लिए हरियाणा सरकार केंद्रीय विदेश मंत्रालय के निरन्तर संपर्क में है। आज तक 700 बच्चों को भारत लाया जा चुका है। अभी रोमानिया, हंगरी और पोलैंड के रास्ते और विद्यार्थियों को लाने के लिए सरकार प्रयासरत है।
भिवानी मेंं 38 वीं प्रदेश स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी के मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ये शब्द कहे। मंहगी मेडिकल की पढाई के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं यह अपील कर चुके हैं कि प्राइवेट कॉलेजों को मेडिकल की पढ़ाई की फीस कम करनी चाहिए, ताकि हिंदुस्तान के बच्चों को बाहर ना जाना पड़े। हरियाणा में भी 12 से अधिक मेडिकल कॉलेज बनवाए जा रहे हैं। सरकार कोशिश करेगी कि और सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से किसान हितों के लिए काम कर रही है और किसान की समृद्धि व संवृद्घि के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। वह खुद भी किसान परिवार से हैं और यहां से तीस किलोमीटर दूर अपने गांव में उन्होंने अपने पिता के साथ खेत में काम किया है। सीएम ने कहा कि उनके साथी मंत्री जेपी दलाल, कंवरपाल गुर्जर, सांसद धर्मबीर सिंह आदि सभी किसान परिवारों से संबंध रखते हैं। यह पूरी सरकार किसानों की टोली है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में जो विषय उठाए गए, उनकी मांग कांग्रेस शासनकाल में तीस साल पहले उठाई गई थी। यह अलग बात है कि राजनैतिक वैतरणी पार करने के मकसद से आज कांग्रेस इन कानूनों की खिलाफत करने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए इन तीनों कानूनों का वापस ले लिया है और इनके हर एक पहलू की विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों व वाणिज्य निपुण विद्वानों से समीक्षा करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओलावृष्टि की भी गिरदावरी करवाई जाएगी। सरकार हमेशा किसानों के पक्ष में खड़ी रही है। गत वर्ष की खरीफ फसलों का 561 करोड़ का मुआवजा मंजूर कर बंटवाया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियां 800 करोड़ की क्षतिपूर्ति राशि स्वीकृत कर चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि शुद्ध दूध के उत्पादन में हरियाणा भी आने वाले समय में पूरे देश में नंबर एक पर होगा। इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। नकली दूध बेचने वालों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसहयोग से भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। वर्ष 2015 में चलाया गया बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान अब एक सफलता की ओर बढ़ता दिख रहा है। जब यह अभियान शुरू हुआ तो लिंगानुपात 870 था, जो कि अब 934 पर पहुंच गया है। हमारा लक्ष्य है कि इसे 950 तक लेकर जाएं।
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