फरीदाबाद - बल्लबगढ़ की पूर्व विधायिका और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव कुमारी शारदा राठौर का कल रौद्र रूप देखने को मिल सकता है। सिटी पार्क को लेकर कर धरने पर बैठने जा रहीं शारदा राठौर को अभी कुछ देर पहले किसी ने सूचना दी कि धरना स्थल से उनके द्वारा लगवाया जा रहा टेंट उखाड़ दिया गया है। इस बात पर शारदा राठौर का गुस्सा सातवें आसमान पर है। अभी कुछ मिनट पहले उन्होंने मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि मैं बल्लबगढ़ के ऐतिहासिक और इकलौते बड़े पार्क को उजड़ते नहीं देख सकती हूँ और कल हर हालत में मैं वहां धरना दूंगी , जेल जाने से मैं नहीं डरती।
शारदा राठौर ने फरीदाबाद प्रशासन और फरीदाबाद के सत्ताधारियों को आइना दिखाते हुए प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि सुप्रीम का आर्डर मान आप का सिटी पार्क के कुछ हिस्से पर कुछ लोगों को कब्ज़ा दिलवा रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आप लोगों ने खोरी के हजारों घरों को तोड़ दिया और लाखो लोगों को बेघर कर दिया। जमाई कालोनी के कुछ गरीबों को भी को भी उजाड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि अरावली के सभी अवैध फ़ार्म हाउस तोड़े जाएँ। वो फ़ार्म हॉउस बड़े लोगों के थे इसलिए आपने वहां हाथ खड़े कर दिए और कहा कि हमारे पास इतनी फ़ोर्स नहीं है कि हम इन पर कार्यवाही कर सकें।
शारदा राठौर ने कहा कि एक जिले में दो तरह के क़ानून चल रहे हैं। गरीबों के आशियाने तोड़ दिए जा रहे हैं और अमीरों के आगे तोड़फोड़ दस्ता, अधिकारी और नेता सर झुका रहे हैं, उन्हें बचा रहे हैं। आखिर क्यू? क्या गरीब इंसान नहीं हैं?
शारदा राठौर ने कहा कि मैं कल सिटी पार्क आ रही हूँ और सत्ताधारियों और उनके पालतू अधिकारीयों से दो-दो हाँथ करने के लिए तैयार हूँ, फरीदाबाद में दो तरह के क़ानून नहीं चलने दूंगी। गरीबों को भी जीने का हक़ है, वो भी अब सुबह की चाय से रात्रि के भोजन का टैक्स दे रहे हैं। सिटी पार्क बल्लबगढ़ की गर्दन है और इस गर्दन को मैं कटने नहीं दूंगी। उन्होंने कहा कि संभव है सत्ताधारी और भूमाफिया खाकी का सहारा लें लेकिन खाकी वालों के भी दिल हैं और मैं उनसे पूंछना चाहती हूँ कि क्या उस समय आपका दिल नहीं दुखा जब खोरी के गरीबों का घर तुड़वाया, क्या बल्लबगढ़ के इकलौते बड़े पार्क के साथ अच्छा हो रहा है?
शारदा राठौर ने कहा कि जान ले लो या जेल में डाल दो मैं डरने वाली नहीं, मैं बल्लबगढ़ की जनता का दर्द समझते हूँ, यहाँ की जनता ने मुझे दो बार विधायक बनाया इसलिए यहाँ की जनता पर अन्याय बर्दाश्त नहीं। +
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