फरीदाबाद - वर्तमान समय में कहा जाता है कि जन्म से लेकर मृत्यु तक इंसान कई तरह के टैक्स दे रहा है। पहले ये टैक्स सिर्फ अमीरों से लिया जाता था। अब हर किसी से किसी न किसी रूप में लिया जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं जब हर कोई टैक्स दे रहा है तो मूलभूत सुविधाओं का उसे हक भी है। आज ग्रेटर फरीदाबाद में सैकड़ों ऐसे लोगों ने प्रदर्शन किया जो सरकार को मोटा टैक्स देते हैं जिनका कहना था कि प्रापर्टी डीलरों के बहकावे में आकर हमने यहाँ के फ़्लैट करोड़ों में खरीद लिए लेकिन अब जीवन नरक से बदतर है, न सीवर है न सड़क और न ही पर्याप्त बिजली मिलती है। अँधेरा होते ही घर से बाहर निकलने में डर लगता है। लोगों ने कहा कि नेता चुनावों के समय में आते हैं और लालीपाप थम्हा वोट ले लेते हैं और जीतने के बाद भूल जाते हैं। लोगों ने सत्ताधारी नेताओं के खिलाफ जमकर नारे लगाए और नेताओं को सबक सिखाने की चेतावनी दी। लोगों ने कहा कि अब जब भी कोई चुनाव होंगे नेताओं को आइना दिखा देंगे। चुनावों की बात करें तो फरीदाबाद में नगर निगम चुनाव अप्रैल मई तक करवाए जा सकते हैं। नगर निगम चुनाव की बात करें तो शहर में अफवाह है कि सत्ताधारी पार्टी चुपचाप चुनावों की तैयारी कर रही है और अचानक चुनावों की घोषणा की जाएगी ताकि विपक्ष को संभलने का मौका न मिले।
अब फरीदाबाद के विपक्ष की बात करें तो फिलहाल जिले में मजबूत विपक्ष नहीं है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता उनका सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं के बारे में कुछ भी बोलने से हिचकिचाते हैं जिसका फायदा सत्ताधारी उठा रहे हैं और यही कारण है कि फरीदाबाद का हाल दिन प्रतिदिन बेहाल होता जा रहा है। फरीदाबाद की जनता की बात करें तो नगर निगम चुनावों में फरीदाबाद की जनता किसी विकल्प की तलाश में है। शहर के पार्कों में ऐसी चर्चाएं सुनीं जा सकती हैं। लोग सत्ताधारियो की बढ़ रही राकेट की रफ़्तार से प्रॉपर्टी की बात करते हैं और शहर का हाल कुछ वर्षों में कैसे बेहाल हो गया इस पर चर्चा करते हैं। लोगों का कहना होता है कि भाजपा के तीनों इंजन फरीदाबाद में फेल हो गए। पिछले निगम चुनाव में नेताओं ने कहा था कि दो इंजन हैं, तीसरा इंजन फरीदाबाद के विकास में चार चाँद लगाएगा। लोगों ने इसे सच मान लिया और शहर में भाजपा का मेयर, लगभग 30 पार्षद भाजपा के और इन पांच वर्षों में जनता को गड्ढेदार सड़कें मिलीं, कई बार फरीदाबाद प्रदूषण में देश में अव्वल रहा। निगम के खजाने में भष्ट सेंधमारी करते रहे और सैकड़ों करोड़ बिना काम करवाए डकार गए। भाजपा के तमाम पार्षद और भाजपा की मेयर तमाशा देखती रहीं, जांच के नाम पर अब भी कुछ खास नहीं हुआ , शहर के लोग तीसरे विकल्प के रूप में किसे अपनाएं समझ नहीं पा रहे हैं।
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की कमजोरी का फायदा आम आदमी पार्टी उठाना चाहती है लेकिन रास्ते आसान नहीं हैं। लगभग एक महीने से आम के फरीदाबाद के चीफ धर्मबीर भड़ाना हर दुसरे दिन किसी न किसी को पार्टी में शामिल करवा रहे हैं लेकिन देखा ये जा रहा है कि आप की टोपी पहनने वाले अधिकतर लोग सिर्फ कागजी नेता साबित हो रहे हैं। टोपी पहनकर फोटो वगैरा खिंचवा लेते हैं और अखबारों में भी छप जाते हैं, सड़कों पर खुद को भावी पार्षद या भावी मेयर का होर्डिंग्स भी लगवा लेते हैं लेकिन जनता से दूर हैं, जनता की समस्याओं को नहीं उठाते। सिर्फ धर्मबीर भड़ाना कभी कभार सड़क पर दिखते हैं। पार्षद पद और मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने वाले अब तक कागजों तक सीमित हैं इसलिए फरीदाबाद की जनता फिलहाल आम आदमी पार्टी को तीसरा विकल्प मान कर नहीं चल रही है। जनता अब भी तीसरे विकल्प की तलाश में है।
फरीदाबाद की बात करें तो पिछले पांच वर्षों में शहर की समस्याएं शहर के कुछ सामाजिक संगठन के लोग उठाते रहे, धरने प्रदर्शन करते रहे। विपक्ष की भूमिका निभाते रहे, विपक्ष पांच वर्ष से कुम्भकरण की तरह सो रहा है। मौका था लेकिन चौका मारने का प्रयास नहीं किया तभी शहर में चर्चाएं हैं कि मैच फिक्स हो चुका है। ये चर्चाएं अब जनता कर रही है। आज ग्रेटर फरीदाबाद ने लोगों ने भी कहा कि भाजपा, कांग्रेस आपस में मिली हुई है तभी हमारा हाल बेहाल है। शहर की जिन सामाजिक संस्थाओं ने शहर की जनता की आवाज को बुलंद किया उनके वर्तमान में सेव फरीदाबाद संस्था प्रमुख है और लगभग दो वर्षों से लगातार ये संस्था जनता की आवाज उठा रही है और नहर पार इस संस्था ने तहलका मचा रखा है। शहर की समस्याओं के निवारण के लिए कई बार कई-कई दिनों तक धरना, प्रदर्शन भूख हड़ताल करने वाले अनशनकारी बाबा रामकेवल कई महीने से यूपी के रायबरेली में सक्रिय हैं और वहाँ की जनता के लिए अनशन वगैरा करते देखे गए। सैकड़ों बच्चों को भी वहां पढ़ाते देखे जाते हैं।
उनके बाद फरीदाबाद में अगर कोई खुलकर सत्ताधारियों को चैलेन्ज कर रहा है तो वो सेव फरीदाबाद के पारस भारद्वाज हैं। आज ग्रेटर फरीदाबाद में कुछ लोग चर्चा कर रहे थे कि सेव फरीदाबाद को फरीदाबाद स्तर की कोई पार्टी बनानी चाहिए और हम सब तइस विषय पर पारस भारद्वाज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य फरीदाबाद की जनता को तमाम तरह के माफियाओं से बचाना है, ऐतिहासिक नगरी को लुटने से बचाना है। जनता अगर कहेगी तो पार्टी भी बना लूँगा। उन्होंने कहा कि शहर हद से ज्यादा लुट रहा है, मैं तमाशा नहीं देख सकता। किसी समय में मैं भाजपा की आईटी टीम का हेड था और कई नेताओं को मैंने चुनाव जितवाए लेकिन वो रास्ते से भटक गए इसलिए मैंने उनकी राह पर चलना उचित नहीं समझा और फरीदाबाद बचाओ नाम की संस्था बनाई। उन्होंने कहा कि इस हफ्ते फरीदाबाद के सभी वार्डों के लोगों ने चर्चाएं करूंगा फिर कोई फैसला लूँगा। जो फैसला लूँगा आप तक सबसे पहले पहुंचा दूंगा। पारस भारद्वाज ने कहा कि सत्ताधारियों से लोहा लेना आसान नहीं है क्यू कि चुनाव में वो करोड़ों खर्च करेंगे क्यू कि अरबों कमा चुके हैं और हम संस्था चलाते हैं और समाजसेवा करते हैं। उन्होंने एक बड़ा उदाहरण देते हुए कहा कि करोड़ों अरबों वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में तीन बार से साधारण व्यक्ति द्वारा जमीन पर पटके जा रहे हैं इसलिए हम हिम्मत नहीं हार रहे हैं। जल्द आपको बड़ी खबर मिलेगी। वैसे विकल्प नाम की सुरंग फरीदाबाद के लाखों लोग खोज रहे हैं शायद बर्दाश्त की हद पार हो गई।
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