नई दिल्ली: युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों के निकासी की प्रक्रिया शुरू हो गई है, भारतीय छात्रों का पहला जत्था चेर्नित्सि से यूक्रेन-रोमानिया सीमा के लिए रवाना हुआ। MEA कैंप कार्यालय अब पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव और चेर्नित्सि शहरों में कार्यारत हैं। रूसी भाषी अधिकारियों को इन कैंपों में भेजा जा रहा है। यूक्रेन लविव में स्थित डेनलो हेलितस्की मेडिकल विश्वविद्यालय के लगभग 40 भारतीय छात्रों का एक समूह निकासी के लिए यूक्रेन-पोलैंड सीमा की ओर बढ़ रहा है। उन्हें एक कॉलेज बस ने सीमा से लगभग 8 किलोमीटर दूर छोड़ा है।
विदेश सचिन हर्षवर्धन शृंगला ने कल कहा था कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे। विदेश सचिव ने कहा, स्थिति की समीक्षा के लिए PM मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की एक बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने CCS बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार की प्राथमिकता यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनको भारत वापस लाना है, पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौट चुके हैं। दिल्ली में MEA कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं..
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां थे, उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से कहा है कि विदेश मंत्रालय यूक्रेन में हमारे नागरिकों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करे.
Post A Comment:
0 comments: