फरीदाबाद। चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जैसमीन शर्मा ने आरोपित को 20 साल की सजा सुनाई है। इससे पूर्व गुरुवार को अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया था और फैसला सुरक्षित रखा था। उक्त मामले में पीडि़ता की ओर से अधिवक्ता राजेश खटाना द्वारा पैरवी की गई और इस पूरे मामले में उन्होंने पीडि़त पक्ष से बिना फीस लिए यह मामला अदालत में लड़ा। राजेश खटाना ने कहा कि आज सच्चाई की जीत हुई है क्योंकि पिछले चार वर्ष पूर्व आरोपी द्वारा बच्ची के साथ जो दरिंदगी की गई थी, उससे इंसानियत भी शर्मसार हो गई थी इसलिए उन्होंने इस मामले की पैरवी करने में कोई कोर कसर बाकि नहीं छोड़ी और आज आरोपी को सजा मिलने के बाद उन्हें और पीडि़त परिवार ने राहत की सांस ली है।
एडवोकेट राजेश खटाना का कहना है कि इस प्रकार की दरिंदगी के लिए समाज में कोई जगह नहीं है और इंसानियत के ऐसे हैवानों के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाने होंगे, तभी ऐसे अपराधों पर पूरी तरह से अकुंश लग पाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे दरिंदे खुले आसमान में रहने लायक नहीं हैं इनकी जगह सिर्फ जेल है।
गौरतलब है कि 11 अगस्त, 2018 को बच्ची के मौसा की शिकायत पर महिला थाना एनआईटी में मामला दर्ज हुआ था। बच्ची के मौसा ने बताया कि बच्ची के माता-पिता नौकरी करते थे और घटना के दिन जब बच्ची के माता पिता नौकरी पर चले गए और बच्ची अपनी ढाई वर्षीय बहन के साथ घर पर अकेली थी। थोड़ी दूरी पर उसकी मौसी का मकान है, वह दोनों बच्चियां का ध्यान रख रही थी, मौसी किसी काम में व्यस्त हो गई। इसी दौरान उसी मकान में किराए पर रहने वाले नासिर खान ने बच्ची को अकेला पाकर कमरे में दुष्कर्म किया और कमरे के दरवाजे को बाहर से लगाकर भाग गया।
थोड़ी देर बाद बच्ची का मौसा आया और उसने बच्ची को लहूलुहान देखा तो उसे पूरा मामला समझते देर ना लगी और उसने इसकी जानकारी पुलिस को दी। तभी से इस बच्ची को न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ता राजेश खटाना अदालत में मामला लड़ रहे थे।
Post A Comment:
0 comments: