13 फरवरी 2022- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा में वर्ष 2021-22 स्कूली शिक्षा सत्र समाप्त होने में मात्र एक माह का समय बचा है, पर भाजपा खट्टर सरकार शिक्षा अधिकार नियम 134ए के तहत अभी तक आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलवाने की अपनी संवैद्यानिक जिम्मेदारी में असफल रही है। विद्रोही ने कहा कि इससे अधिक दुर्भाग्य व कानून का मजाक और क्या हो सकता है कि वर्ष 2021-22 स्कूली शिक्षा सत्र समाप्त होने में मात्र एक माह का समय बचा है और नियम 134ए के तहत निजीे स्कूलों में प्रवेश के लिए पात्र बच्चे और उनके अभिभावक दर-दर भटक रहे है, पर बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश नही मिल रहा है। यह एक तरह से अराजकता की स्थिति है जब निजी स्कूल सरकार का आदेश व कानून को मानने को तैयार नही। नियम 134ए के तहत दाखिले पर कानून की खुलेआम धज्जियां उडाने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ अभी तक कठोर कार्रवाई न करना मुंह बोलता प्रमाण है कि निजी स्कूलों व भाजपा खट्टर सरकार में आपसी सांठगांठ है।
विद्रोही ने आरोप लगाया कि इस सांठगांठ के चलते ही गरीब परिवारों के बच्चों को नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिला दिलवाने की बजाय सरकार तारीख पर तारीख पर देकर समय पास कर रही है ताकि वर्ष 2021-22 का शिक्षा सत्र समाप्त हो जाये और एक माह बाद सरकार यह कहकर अपना पल्ला झाड ले कि इस वर्ष तो शिक्षा सत्र समाप्त हो गया, इसलिए जिन बच्चों को नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिला नही मिला उस बारे अब सरकार कुछ करने की स्थिति में नही है। विद्रोही ने सवाल किया कि जब भाजपा खट्टर सरकार ही निजी स्कूलों से मिलीभगत करके शिक्षा अधिकार नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को दाखिला न मिले, इस पर तिकडम कर रही हो तो फिर कानून व शिक्षा अधिकार की परिपालना कौन करवाएगा?
Post A Comment:
0 comments: