विद्रोही ने पूछा कि अहीरवाल के डेढ़ मंत्रीयों के पास महत्वहीन विभाग क्यों है? मुख्यमंत्री व संघी गुरूग्राम में ही सबसे ज्यादा क्यों ? गुरूग्राम नगर निगम का पैसा अन्य जिलों को ट्रांसफर क्यों हो रहा है? मुख्यंमत्री ने दिन की बजाय रात्रि को गुरूग्राम नगर निगम व जीएमडीए कार्यालय पर कथित छापा मारकर कौन से भ्रष्टाचार को छिपानेे का कुप्रयास किया है? अहीरवाल के शि़क्षण व स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त कर्मचारी, शिक्षक, डाक्टर, स्वास्थ्यकर्मी क्यों नही है? इसका आवश्यक आधारभूत ढांचा अधूरा क्यों है? विद्रोही ने पूछा कि यदि मुख्यमंत्री युवाओं के हितों के प्रति गंभीर व ईमानदार है तो प्रदेश में इतनी भारी बेरोजगारी क्यों है? हरियाणा बेरोजगारी में देश का सिरमौर क्यों है? अहीरवाल के किसानों को रबी फसल के लिए पर्याप्त खाद क्यों नही मिल रहा? आम नागरिकों को पीने का पर्याप्त पानी क्यों नही मिल रहा? यदि प्रदेश में जातिवाद नही तो सभी महत्वपूर्ण मलाईदार पदों पर तीन जातियों विशेष के प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों ही काबिज क्यों है?
विद्रोही ने मांग की कि यदि मुख्यमंत्री ईमानदार व सच्चे-सुच्चे है तो मेरे उक्त सवालों का जवाब तथ्यों के साथ देने की हिम्मत जुटाये। जातिवाद विहिन व बिना भेदभाव की सोच से सरकार चलाने का दावा करना आसान है, पर मुख्यमंत्री का यह दावा धरातल की वास्तविकता पर खरा नही उतरता और हरियाणा की धरातल की व्यवस्था चीख-चीखकर कह रही है कि खट्टर जी सभी राजनीतिक, प्रशासनिक नियुक्तिया जातिवाद के आधार पर करके अपनी ही जाति के लोगों को महत्वपूर्ण पद दे रहे है। वहीं विकाय कार्यो में अहीरवाल के साथ राजनीतिक कारणों से सौतेला व्यववहार कर रहे है।
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