चंडीगढ़, 18 जनवरी - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि नए स्टार्टअप तथा नई आईटी/आईटीईएस कंपनियों को ‘हरियाणा स्टेट एंपलाइमेंट ऑफ लोकल कंडीडेटस एक्ट,2020’ में दो वर्ष के लिए छूट दी जाएगी। इसके अलावा, शॉर्ट टर्म (45 दिनों) वाले कार्यों में भी इस एक्ट से छूट मिलेगी।
यह घोषणा उन्होंने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम के दौरान की। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री अनुप धानक भी उपस्थित थे। श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू, प्रधान सचिव श्री टी.एल सत्यप्रकाश, उपश्रमायुक्त श्री परमजीत सिह ढुल की उपस्थिति में विभाग की ओर से ‘हरियाणा स्टेट एंपलाइमेंट ऑफ लोकल कंडीडेटस एक्ट,2020’ से संबंधित प्रस्तुति दी गई।
डिप्टी सीएम ने एक्ट में दी गई छूट का ब्यौरा देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने फसलों की बिजाई, कढ़ाई के अलावा फल, सब्जी, चायपत्ती, कॉफी,मछली, पशुओं आदि से संबंधित प्राथमिक कार्यों को भी ‘हरियाणा स्टेट एंपलाइमेंट ऑफ लोकल कंडीडेटस एक्ट,2020’ से छूट दी गई है। घरों में रखे जाने वाले नौकरों तथा उन उद्योगों को भी छूट दी गई है जिनके लिए कौशलयुक्त कामगार नहीं मिलते हैं।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा देश की आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर हरियाणवी युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत अधिकार देने का ऐतिहासिक कानून मिला है। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी 2022 की रात्रि से यह कानून प्रदेश में लागू हुआ है और 10 से ज्यादा कर्मचारी वाले उद्योगों में लागू होगा। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग के उद्यम-पोर्टल पर निरंतर कंपनियां खुद का रजिस्ट्रेशन करवा रही हैं, अब तक 22 हजार से ज्यादा कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। प्रदेशभर से अब तक 3280 युवाओं ने भी अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि सभी बेरोजगार युवा अपना रजिस्ट्रेशन संबंधित पोर्टल पर करवाएं ताकि उन्हें रोजगार के साथ जोड़ा जा सके
विपक्षियों द्वारा एक्ट के खिलाफ किए जा रहे भ्रामक प्रचार बारे कहा कि वर्ष 2008-09 में बड़े उद्योगों में कई ऐसी घटनाएं हुई, जिससे स्थानीय युवा रोजगार से वंचित हो गए। उन्होंने कहा कि ‘हरियाणा स्टेट एंपलाइमेंट ऑफ लोकल कंडीडेटस एक्ट,2020’ का राजनीतिक व गैर-राजनीतिक तौर पर भी विरोध हुआ लेकिन हम युवाओं के हित में रूके नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाली इंडस्ट्री एसोसिएशन के साथ भी हम सेमिनार के माध्यम से चर्चा करके समाधान निकालेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि युवाओं को जल्द पोर्टल पर अंग्रेजी के साथ-साथ स्थानीय भाषाओं हिंदी-पंजाबी का भी विकल्प दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि रोजगार योग्य लोकल उम्मीदवारों को नौकरी न देने वाले उद्योगों पर 50 हजार से 2 लाख रूपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि युवाओं को डोमिसाइल सर्टिफिकेट की समस्या हल करने के लिए पोर्टल पर परिवार पहचान पत्र से लिंक करने का विकल्प दिया जाएगा। उन्होंने उद्योगपतियों को आश्वासन दिया कि भविष्य में भी जरूरत पड़ी तो कानून में बदलाव किया जा सकता है, इसके लिए रास्ते खुले रहेंगे।
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