नई दिल्ली- चुनावों के समय देखा जाता है कि एक-एक विधानसभा से कई-कई लोग मैदान में होते हैं और मतगणना के समय तक सब खुद को विधायक मानकर चलते हैं। जनता भी आजकल समझदार है और जो भी नेता दरवाजे पर आता है सबको वोट देने का वादा करती है। नेता लोग आंकड़ा लगा बैठते हैं कि अधिकतर जनता ने मुझसे वादा किया है इसलिए विधायकी पक्की है। मतगणना के बाद एक विधानसभा क्षेत्र से एक नेता ही जीतता है तो हारे हुए नेता लोग तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं और लोकबंधु पार्टी के महेंद्र कल से बहुत दुखी हैं।
महेंद्र कल गाजियाबाद से पर्चा दाखिल करने गए थे लेकिन अचानक लघु शंका के कारण वो नामांकन दाखिल नहीं कर पाए। महेंद्र दो बजकर 55 मिनट पर सचिवालय में दाखिल हुए। नामांकन कक्ष के अंदर जा ही रहे थे तभी लघु शंका लग गई और शौचालय चले गए। जब शौंचालय से निपट कर नामांकन कक्ष पहुंचे तो कमरे में ताला लग गया था। आरओ ने कहा कि दो मिनट लेट हो, पर्चा दाखिल नहीं होगा। इसके बाद महेंद्र अपने समर्थकों संग वापस लौट गए। उन्होंने मीडिया से कहा कि परचा अगर दाखिल हो जाता तो मेरी जीत पक्की थी लेकिन अब कुछ बर्बाद हो गया।
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