Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

डाडम पहाड़ी हादसे की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को दिया ज्ञापन

Bhupendra-Singh-Hudda
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

भिवानी, 5 जनवरी 2022, अखिल भारतीय किसान सभा व मजदूरों के संगठन सीटू ने आज डाडम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा में डाडम पहाड़ी हादसे की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच करवाने, पीडि़त परिवारों को मुआवजा देने तथा हादसे के दोषियों को सजा दिलवाने तथा जनहित खनन नीति लागू करवाने बारे पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को ज्ञापन दिया।

का. औमप्रकाश ने बताया कि डाडम व खानक की पहाडि़यों में ठेकेदारों, खान माफिया व भ्रष्ट सत्ताधरियों, अफसरों के गठजोड़ से जनता को लूटा जा रहा है और यहां काम करने वाले लोग भी सुरक्षित नहीं है। यहां विकसित खेती व उद्योग नहीं होने के कारण स्थानीय 30-40 गांव के लोगों ने इन पहाड़ों के सहारे अपनी जीविका चला रहे थे। वर्षों तक इनमें खान बनाने के कारण सैंकड़ों लोगों की जान गंवाई थी। इस इलाके में ये पहाड़ लोगों की रोजी-रोटी का साध्न थे। परन्तु 1996 में तत्कालीन सरकार ने पहली बार इन पहाड़ों को ठेके पर दे दिया था।

स्थानीय लोगों के विरोध के चलते राज्य सरकार ने अपने निर्णय को जनहित में वापिस लेकर खानदारों को ही खाने वापिस दे दी थी। उसके बाद अगस्त 2001 को तत्कालीन सरकार ने फिर इनको ठेके पर दे दिया तथा भारी टैक्स व रायल्टी लगाकर निहित स्वार्थी खनन माफिया ने करोड़ों रूपये बटोरे थे। फिर आपकी सरकार आने के बाद 2005 से 2009 तक पर्यावरण को लेकर ये पहाड़ बंद रहे। इस तरह से कभी खोले गए तो कभी बंद रखे गए। फिर 2018 में भाजपा सरकार ने एचएसआईडीसी को सुपुर्द करके इन पहाड़ों को चलाया था। 2019 में इन पहाड़ों को प्राईवेट कम्पनी को ठेके पर दे दिया। 

डाडम पहाड़ गौवर्धन माईनस एण्ड मिनरल प्रा. लि. ने 93 करोड़ प्रति वर्ष 10 वर्ष के लिए ठेके पर ले लिया। 40 से 50 रूपये प्रति टन रायल्टी अलग है। इन लोगों से पहले भी इस कम्पनी ने पहाड़ से अंधधुंध माल निकाला और यह कम्पनी 800-900 फीट नीचे तक चली गई। बगैर सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए अवैध खनन करते रहे हैं। राज्य सरकार, खनन विभाग व जिला प्रशासन आंखे मूंदकर इनकी अवैध कार्यवाही को मूक इजाजत देता रहा जो अपने आप में एक अपराध है। 

दुर्भाग्य से जाने-अनजाने में आपकी सरकार ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इसी का परिणाम है कि पांच जिन्दगियां चली गई, दो मजदूर घायल हो गए। तमाम खनन नियमों को ताक पर रखकर इन पहाड़ों का अंधधुंध दोहन किया जा रहा है। जनता की लूट के साथ मजदूरों का रोजगार समाप्त करना व लगे हुए मजदूरों का भयंकर शोषण इनकी नियति बन गई। राज्य को भारी राजस्व देने के बाद भी यहां इस इलाके के मजदूरों व जनता के इलाज के लिए कोई आध्ुनिक हस्पताल भी नहीं बनाया गया। बिगड़ते पर्यावरण के लिए कोई सुधार नहीं किया। मजदूरों के लिए भी कोई कल्याणकारी योजना लागू नहीं की।

सुखदेव सिंह ने बताया कि हमने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि डाडम हादसे की हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट वर्तमान जज की अध्यक्षता में गठित एसआईटी गठित की जाए ताकि उच्च स्तरीय न्यायिक निष्पक्ष रूप से जांच हो सके। सभी दोषियों को कड़ी सजा मिले, खनन माफिया व भ्रष्ट सत्ताधारियों व अफसरों का गठजोड़ समाप्त किया जाए। दोषी कम्पनी का ठेका तुरन्त रद्द किया जाए। सभी मृतकों के आश्रितों को प्रति परिवार 50 लाख रूपये मुआवजा, एक सरकारी नौकरी और घायलों का मुफ्त ईलाज तथा 25 लाख रूपये मुआवजा दिलाया जाए। जनहित के पक्ष में खनन नीति बने जो रोजगारोन्मुख हो, राज्य को भी आमदनी हो तथा जनता को सुलभ दरों पर निर्माण सामग्री मिलती रहे। पहाड़ों का अंधाधुंध दोहन रूके। सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाये। 

खानक और डाडम के पास बड़ा हस्पताल खोला जाए जिसमें सभी आध्ुनिक सुविधाए उपलब्ध हो ताकि दुर्घटनाओं पर मजदूरों को मुफ्त इलाज हो। इस क्षेत्र में पर्यावरण सुधार के लिए पहाड़ों की आमदनी का एक हिस्सा खर्च हो तथा इलाके के विकास में पैसा लगाया जाए। सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हो। मजदूरों के लिए पहाड़ खान मजदूर कल्याण बोर्ड बने जो मजदूरों को दुर्घटनाओं में न्यायोचित मुआवजा व बुढ़ापा पेंशन तथा परिवार पेंशन दी जाए। इस अवसर पर का. औमप्रकाश जिला कार्यकारी सचिव अखिल भारतीय किसान सभा, सुखदेव सिंह, जिला कार्यकारिणी सदस्य सीटू भिवानी, सदीक डाडम सहित यूनियन के सदस्य उपस्थित रहे।

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Haryana News

Post A Comment:

0 comments: