फरीदाबाद। ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने आज बल्लभगढ़ स्थित अमर शहीद राजा नाहर सिंह महल में उनके 164वें बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में जहां युवाओं से देशभक्ति का जज्बा पैदा करने की अपील की वहीं भाजपा सरकार पर करारी चोट करते हुए खुले मंच से आह्वान किया कि जिस तरह से राजा नाहर सिंह ने 1857 के स्वाधीनता आंदोलन में अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे, ठीक उसी प्रकार अब पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में अंग्रे्रज रूपी भाजपा सरकार को उखाड़ फैंकने के लिए तैयार हो जाए। उन्होंने उत्तरप्रदेश में युवा चेहरा अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पूरी शक्ति लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश में राजा तो बहुत रियायतों के हुए है, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्याे को ही इतिहास बनता है। शहीद राजा नाहर सिंह भी सही मायनों में ऐसे देशभक्त युवा राजा थे, जिनके तन, मन में देशभक्ति का जुनूनू बसता था और उन्होंने गोरे अंग्रेजों से भारत देश को आजाद कराने के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमना पसंद किया, ताकि आने वाली पीढ़ी के भी रग-रग में देशभक्ति की भावना जाग्रत रह सके।
इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक राजा नाहर सिंह के वंशज राजकुमार तेवतिया, राजा नाहर सिंह प्रपौत्र सुनील तेवतिया के संयोजन में राजा नाहर सिंह सोसायटी की तरफ से मुख्यातिथि अभय सिंह चौटाला का बल्लभगढ़ की पावन धरा पर पहुंचने पर जहां पगड़ी बांधकर स्वागत किया वहीं उन्हें एक बड़ी फूलों की माला पहनाकर एकता का संदेश दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक राजा नाहर सिंह प्रपौत्र सुनील तेवतिया ने अपने संबोधन में इनेलो की सरकार बनने पर राजा नाहर सिंह के पैतृक महल को म्यूजियम बनाने व राजा नाहर सिंह की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी मांग रखी, जिससे कि आने वाली पीढ़ी को राजा नाहर सिंह के बलिदान का इतिहास का पता लग सके।
विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि राजा नाहर सिंह का जीवन बचपन से लेकर बलिदान दिवस पर प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने बल्लभगढ़ रियासत के राजा रहते हुए इस रियासत में पडऩे वाले 210 गांवों के लोगों को अंग्रेजी जुल्मों से बचाने के लिए कई बार अंग्र्रेजी सेना को नाकों चने चबाने का काम किया, यहां तक कि अंग्रेजों को दिल्ली पर कब्जा करने से भी कई बार रोका। आज हम युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है क्योंकि आज भाजपा का शासन भी अंग्रेजी शासन की याद दिला रहा है, जिसका जीता जागता प्रमाण उस समय देखने को मिला, जब देश के प्रधानमंत्री ने देर रात बिना किसी कैबिनेट की मंजूरी के तीन काले कृषि कानून पास कर दिए, जिसके लिए किसानों को लगातार एक साल तक अपने घरबार छोड़ दिल्ली के चारों ओर सडक़ों पर बैठकर आंदोलन चलाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि आखिरकार किसानों की एकता के आगे देश अहंकारी राजा को झुकना पड़ा है, लेकिन असली विजय तब मिलेगी, जब देश व प्रदेश से इस भाजपा के शासन को चलता किया जाएगा। इस मौके पर पूर्व विधायक आनंद कौशिक, कांग्रेस के पूर्व महासचिव प्रदीप जैलदार, इनेलो के कार्यकारी जिलाध्यक्ष देवेंद्र तेवतिया, अनिल तेवतिया, जिला प्रधान महासचिव बच्चू सिंह तेवतिया, राजा नाहर सिंह सोासयटी के अध्यक्ष सोहनलाल सैनी, नवाब सिंह यादव, किसान सैल के महासचिव उदयवीर सहरावत, जिला बार एसो. के पूर्व अध्यक्ष बाबी रावत, जाजरू के सरपंच सतबीर डागर, उमेश कौशिक, दीपक डागर, वासुदेव गर्ग, ओमप्रकाश गर्ग, धर्मपाल चहल सहित सैकड़ों लोगों राजा नाहर सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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