चंडीगढ़ 17, दिसंबर - हरियाणा भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण, गुरुग्राम में सतीश कुमार बनाम मैर्सज सैपसेट प्रोपरटीज प्राइवेट लिमिटड तथा जी.एस.दत्ता बनाम मैर्सज सुपरटेक लिमिटड के विरुद्घ एक्सयूकीशन पैटीशन की सुनवाई करते हुए प्राधिकरण द्वारा यह निर्णय लिया गया कि श्री आदेश कुमार त्यागी, प्रबन्ध निदेशक, सेपसेट प्रोपरटीज प्राइवेट लिमिटड तथा मै0 सुपरटेक लिमिटड के प्रबन्ध निदेशक तथा निदेशक श्री राम किशोर अरोड़ा, श्री अनिल कुमार जैन तथा श्री जी एल खैरा, श्री अनिल कुमार शर्मा, सुश्री मन्दीपा जोशी तथा श्री प्रदीप कुमार गोयल, प्रबन्ध निदेशक तथा अन्य निदेशक के विरुद्घ प्राधिकरण के आदेशों की अवेहलना करने तथा डिकरी सैटीसफाई न करने पर क्यों न गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिये शोकॅस नोटिस जारी करके उन्हें जेल मे भेजा जाये ।
इससे पूर्व, सतीश कुमार चावला व मैर्सज सेपसेट प्रोपरटीज लिमिटड के मामले में प्राधिकरण ने खरीददार के फ्लेट जोकि पारसडयू सैक्टर-106, गुरुग्राम में बुक किया था, जोकि शिकायतकर्ता को 6 सितम्बर, 2017 तक देना था, को देरी से देने के कारण दिये गये ब्याज की राशि 38,10,725 रुपये डिकरी की राशि उनके बैंक खाते अटेच करने के लिये बैंक मैनेजर इन्डूसलेंड बैंक, बाराखम्भा रोड, नई दिल्ली को आदेश पारित किया था। किन्तु नोटिस की प्राप्ति के बावजूद तथा स्मरण पत्र जारी करने के पश्चात भी बैंक मैनेजर ने प्राधिकरण के आदेश की पालना नहीं की तथा न ही इस सम्बन्ध में कोई सूचना भेजी। इस बारे में प्राधिकरण द्वारा इस चूक को गम्भीर मानते हुए बैंक मैनेजर को शोकॉस नोटिस भेजने का निर्णय लिया कि क्यों न उसके विरुद्घ प्राधिकरण के आदेश की पालना न करने के फलस्वरुप कार्यवाही शुरु की जाये। इसके अलावा, बैंक मैनेजर द्वारा 15 दिन के अन्दर-अन्दर डिकरी की राशि न भेजने तथा कोई संतोषजनक जवाब न देने की स्थिति में उसे व्यक्तिगत स्तर पर प्राधिकारण के सम्मुख उपस्थिति होकर ब्यान दर्ज कराने के लिये आदेश जारी किये गये किन्तु बार-बार नोटिस जारी होने के बावजूद भी बैंक मैनेजर प्राधिकरण के सम्मुख उपस्थित होने के असफल रहा। ऐसी स्थिति में प्राधिकरण ने बेंक मैनेजर को आदेश जारी किया कि वह 50,000 रुपये की प्रतिभूति प्रस्तुत करते हुए प्राधिकरण के सम्मुख उपस्थित हो अन्यथा उसे जेल भेजे जाने की प्रक्त्रिया शुरु की जायेगी ।
आगे प्राधिकरण ने सेपसेट प्रोपरटीज लिमिटड को भी निर्देश दिये कि वह अपनी चल एवं अचल सम्पति का विवरण प्रस्तुत करे तथा सम्पति के बारे में एक शपथ पत्र दाखिल करे। नोटिस की प्राप्ति के बावजूद भी प्रोमोटर के प्रबन्ध निदेशक द्वारा उत्तर नहीं दिया गया और प्राधिकरण के सम्मुख प्रस्तुत नहीं हुआ। इस चूक के लिये हरियाणा भूसम्पदा प्राधिकरण के चेयरमैन डा. के.के.खण्डेलवाल ने सुनवाई के आदेश जारी किये कि कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाये तथा उन्हें प्राधिकरण के सम्मुख पेश किया जाये कि क्यों न शोकॉज नोटिस जारी करते हुए उन्हें जेल में भेजा जाये।
इसीप्रकार, जी.एस. दत्त व सुपरटेक के मामले की सुनवाई करते हुए प्राधिकरण ने निर्देश दिये कि वह अपनी चल एवं अचल सम्पति का विवरण प्रस्तुत करे तथा सम्पति के बारे में एक शपथ पत्र दाखिल करे। नोटिस की प्राप्ति के बावजूद भी प्रोमोटर के प्रबन्ध निदेशक द्वारा उत्तर नहीं दिया गया और प्राधिकारण के सम्मुख प्रस्तुत नहीं हुआ। इस चूक के लिये प्राधिकरण के चेयरमेन डा. के. के. खण्डेलवाल ने सुनवाई के आदेश जारी किये कि कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक को, जहां उनका कार्यालय तथा निवास स्थित है के सम्बधित एसएचओ तथा पुलिस कमिशनर के द्वारा गिरफ्तार किया जाये तथा उन्हें प्राधिकरण के सम्मुख पेश किया जाये कि क्यों न शोकाज नोटिस जारी करते हुए उन्हें जेल में भेजा जाये। प्राधिकारण के यह आदेश डिकरी की राशि 53,97,175 रुपये की अदायगी के लिये हैं जोकि कम्पनी के विरुद्घ जारी किये गये थे क्योंकि उन्होंने अरावली प्रोजेक्ट सैक्टर-79, गुरुग्राम में बुक किये गये फ्लेट को समय पर नहीं दिया था जोकि 28 फरवरी, 2017 तक दिया जाना था। प्राधिकरण के यह आदेश बहुत ही महत्वपूर्ण है तथा सभी प्रोमोटर्स जोकि आदेशों की अवलेहना करेंगे उनके लिये एक स्पष्ट मैसेज है।
डॉ. खण्डेलवाल ने कहा कि हरियाणा भू-सम्पदा प्राधिकरण,गुरुग्राम यह सुनिश्चित करता है कि वास्तव में घर खरीदने वालों को एक राहत मिले और यह तभी संभव होगा जब प्रोमोटर द्वारा प्राधिकरण के आदेशों की पालना की जाएगी तथा डिकरी सैटीसफाई करेंगे। यदि यहां प्रोमोटर प्राधिकरण के आदेश की अवलेहना करता है या उसके द्वारा पारित डिकरी को सैटीसफाई नहीं करता है तो प्राधिकरण अवलेहना करने वाले प्रोमोटर के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिये बाध्य होगा।
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