डीजीपी हरियाणा श्री प्रशांत कुमार अग्रवाल ने आज यहां इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में पहले से चल रही एकीकृत 108 (एम्बुलेंस) और 101 (फायर) सेवाओं के मूल्यांकन के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। इस सुविधा के साथ, राजमार्गों पर 112 ईआरवी वाहन सभी यातायात आपात स्थितियों पर प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध रहेंगे। हेल्पलाइन नंबर 1073 पर की गई सभी कॉलें स्वचालित रूप से 112 इमरजेंसी नंबर पर आ जाएंगी।
हरियाणा 112 सेवा की देशभर में चर्चा
हाल ही में एक समीक्षा बैठक में, एडीजीपी प्रशासन, श्री अरशिन्द्र सिंह चावला, जो ’हरियाणा 112’ के नोडल अधिकारी भी हैं, को ईआरएसएस 112 के साथ ट्रैफिक हेल्पलाइन नंबर के एकीकरण की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए कहा गया था। कई बार संकट की स्थिति में अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर उलझन या असमंजस पैदा कर सकते हैं। इसलिए, सड़क दुर्घटनाओं सहित सभी प्राथमिक आपात सेवाओं के लिए एक ही इमरजेंसी नंबर की सख्त जरूरत थी। उन्होंने कहा कि पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की सभी आपातकालीन सेवाएं पहले से ही 112 के साथ एकीकृत हैं, जिसकी पूरे देश में सराहना हो रही है।
डीजीपी ने कहा कि अब से हरियाणा में 112 आपातकालीन नंबर पर वाहन के खराब होने के कारण, अवैध पार्किंग, सड़क की मरम्मत, सड़क पर अतिक्रमण, वाहन में ईंधन खत्म होने, जुलूस, धरना/प्रदर्शन के कारणों से ट्रैफिक जाम तथा रफ ड्राइविंग जिसमें ओवर स्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना, सड़क पर बार-बार लाइन बदलना (जिगजैग ड्राइविंग), सड़क दुर्घटनाएँ, हिट एंड रन के मामले, चालान भुगतान की जानकारी आदि से संबंधित यातायात सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेशवासियों को त्वरित और कुशल आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहें हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में यातायात से संबंधित त्वरित और मजबूत आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा 112 प्रणाली में क्रेन सेवाओं, ट्रॉमा सेंटर, फील्ड में यातायात अधिकारियों, यातायात चैकी, आपातकालीन सरकारी अस्पतालों आदि से संबंधित आपातकालीन संपर्क नंबर शामिल किए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यातायात से संबंधित कुछ सेवाएं जैसे चालान केंद्रों की जानकारी आदि जो आपातकालीन सेवाओं से संबंधित नहीं हैं को भी हरियाणा 112 में शामिल किया गया है।
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