चंडीगढ़, 23 दिसम्बर- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा प्रदेश की सत्ता संभालते ही भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 25 दिसम्बर, 2014 को आरंभ किये गए सुशासन दिवस कार्यक्रम ने सरकारी विभागों की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाई है और इसके साथ सीएम विंडो पर विगत सरकार के 2614 दिनों के कार्यकाल में प्रतिदिन औसतन 345 शिकायतों का समाधान कर एक नये युग का सूत्रपात हुआ है।
मुख्यमंत्री शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीएमजीआरएमएस) प्रकोष्ठ के प्रभारी ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल के अनुसार हरियाणा गठन के बाद शायद यह पहला अवसर है, जब सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से 9 लाख से अधिक लोगों के पास मुख्यमंत्री कार्यालय की सीधी पहुंच संभव हो सकी है।
सुशासन दिवस के अवसर पर एक लाख अंत्योदय परिवारों दिए जाएंगे ऋण पत्र
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की दूरदर्शिता का पता इस बात से चलता है कि वर्ष 2014 में सत्ता संभालते ही उनके मन में एक ही टीस थी कि किस प्रकार से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ किस प्रकार से पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने अपनी इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की शुरूआत की है, जिसके तहत 3.25 लाख ऐसे परिवारों की पहचान की गई है, जिन्होंने हरियाणा के एक अनूठे कार्यक्रम ‘परिवार पहचान पत्र’ में अपनी आय एक लाख रुपये वार्षिक से कम दर्शाई है। ऐसे परिवारों की आय किस प्रकार से दोगुणी यानि दो लाख रुपये वार्षिक की जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के प्रयासों से एक नई शुरूआत करते हुए एक लाख परिवारों को चिन्हित किया गया है। इन परिवारों की काऊंसलिंग की जाएगी, जिसके तहत उन्हें यह जानकारी दी जाएगी कि वे किस प्रकार के व्यवसाय या स्व-रोजगार के माध्यम से अपनी आय बढ़ा सकते हैं और इसके लिए बैंकों का भी सहयोग लिया जा रहा है। इस कड़ी में विशेष शिविरों के माध्यम से बैंकर्स द्वारा भी विशेष डैस्क स्थापित कर लोगों को काउंसलिंग के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाकर लाभांवित किया जा रहा है। 25 दिसम्बर, 2021 को सुशासन दिवस के अवसर पर ऐसे लाभपात्रों के आवेदनों को अंतिम रूप दिया जाएगा और जनवरी, 2022 से इन्हें पहले चरण के ऋण उपलब्ध करवाने की इसकी शुरूआत की जाएगी। इसके बाद इसी प्रकार से दूसरे चरण के लिए भी एक लाख परिवारों का चयन किया जाएगा।
इस कड़ी में 29 व 30 नवम्बर, 2021 को प्रदेश में 25 अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों का आयोजन किया गया। इन मेलों में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के माध्यम से कौशल विकास, स्वरोजगार और रोजगार सृजन के उपायों को अपनाकर 30 हजार अंत्योदय परिवारों में से ऐसे 21,251 परिवारों को ऋण उपलब्ध करवाने की पहल की गई, जिनकी वार्षिक आय 50,000 रुपये से कम है और सरकार का लक्ष्य है कि इनकी आय एक लाख रुपये वार्षिक तक की जाए। इसके बाद दूसरे चरण में जिनकी आय एक लाख रुपये तक वार्षिक है उनकी आय 1,80,000 रुपये वार्षिक तक की जाएगी।
‘अन्ततोगत्वा विजन’ का लक्ष्य है गरीब से गरीब परिवारों की आय बढ़ाना
मुख्यमंत्री का ‘अन्ततोगत्वा विजन’ गरीब से गरीब परिवारों की आय बढ़ाना है और देश में ऐसी शुरूआत करने वाला हरियाणा शायद पहला राज्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम और अन्य अवसरों पर श्री मनोहर लाल की इस सोच की कईं बार तारीफ कर चुके हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने सदन में हुई चर्चा के बाद अपने जवाब में भी इस बात का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि सुशासन दिवस के अवसर पर 50 हजार से कम वार्षिक आय वाले परिवारों की स्वारोजगार के माध्यम से आय दोगुणी करने के कार्यक्रम के तहत बैंकों द्वारा 25 दिसम्बर से ही ऋण पत्र भी वितरित करने की शुरूआत की जाएगी।
सीएम विंडो ने सुशासन दिवस की अवधारणा को सही मायने में किया चरितार्थ
मुख्यमंत्री ने स्वयं यह बीड़ा उठाया और इस कड़ी में 26 अक्तूबर, 2014 को सत्ता संभालते ही 25 दिसम्बर, 2014 को प्रदेश के इतिहास में सुशासन दिवस की अवधारणा को चरितार्थ करने के लिए सीएम विंडो की अवधारणा की शुरूआत की गई, जिसके फलस्वरूप अब तक 9 लाख से अधिक शिकायतों पर सुनवाई संभव हुई है। अब तो आलम यह है कि आरटीआई एक्टिविस्ट भी इस व्यवस्था का लोहा मानने लगे हैं और कहने लगे हैं कि यह व्यवस्था आरटीआई से भी ज्यादा कारगर सिद्ध हो रही है, क्योंकि आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी में भी समय लग जाता है। परंतु सीएम विंडो पर शिकायत अपलोड होते ही मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा शिकायतकर्ता से पूछा जाता है कि आप द्वारा भेजी गई शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय को मिल गई है और सम्बंधित विभाग को इसका समाधान करने के निर्देश दे दिए गए हैं। ज्यों ही विभाग की कार्यवाही पूरी हो जाएगी तो आपको सूचित किया जाएगा। सीएम विंडो का लक्ष्य शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही है। इस व्यवस्था का जिक्र आरटीआई से भी ज्यादा लोगों की जुबान पर हो रहा है। यहां तक कि इस व्यवस्था के चलते सरकारी फंड में गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधि को समाज में अपनी छवि धूमिल होने का डर सताने लगा है।
मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप सरकार ने 25 दिसम्बर को हर वर्ष मनाए जाने वाले सुशासन दिवस के अवसर पर इस वर्ष सुशासन सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसकी शुरूआत जिला स्तर पर 20 दिसम्बर से आरम्भ कर दी गई थी, जिसका समापन 25 दिसम्बर को सुशासन दिवस के अवसर पर मंत्रिमण्डल के सदस्यों, सांसदों, विधायकों व मण्डल आयुक्तों व जिला उपायुक्तों की उपस्थित में होगा।
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