Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

मगरमच्छी आंसू बहाकर किसान हितैषी होने का ढोंग करते हैं भाजपा के बयान बहादुर -विद्रोही 

Ved-Prakash-Vidrohi-Haryana
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

 9 नवम्बर 2021- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार किसान हित व किसान आय दोगुना करने में मगरमच्छी आंसू तो बहाती है, पर किसानों से सम्बन्धित हर फैसले को जानबूझकर समय पर न लेकर किसानों पर वार करने का कोई मौका भी नही चूकती है। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश में तीन लाख टन डीएपी खाद की जरूरत थी, पर समय पर खाद खरीद आर्डर देकर स्टॉक न करने से सरसों की बिजाई के दौरान डीएपी खाद की मारामारी व कालाबाजारी से किसान कितना परेशान रहा, यह इतिहास में दर्ज हो चुका है। इसी तरह प्रदेश में रबी सीजन गेंहू के लिए दस लाख टन यूरिया की जरूरत है, पर यूरिया का भी भाजपा सरकार ने समय पर स्टॉक नही किया जिसके चलते अब सरसों की बिजाई जैसी ही कठिनाई गेंहू की बिजाई में किसान भुगत रहा है। हर कृषि का जानकार जानता है कि रबी फसल की सरसों व गेंहू की बिजाई दक्षिण हरियाणा में शेष हरियाणा की तुलना में एक माह पूर्व हो जाती है। पर सरकार ने इस तथ्य को भूलाकर अहीरवाल के किसानों के लिए बिजाई से पूर्व न तो पर्याप्त डीएपी खाद और न ही अब यूरिया की व्यवस्था की।

विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल का किसान पहले डीएपी खाद केे लिए जूझता रहा और अब यही स्थिति गेंहू बिजाई के लिए यूरिया खाद की है। सवाल उठता हे कि भाजपा खट्टर सरकार अहीरवाल के किसानों के हितों के प्रति आंखे क्यों ूमंदे रहती है? समय पर फैसले क्यों नही लेती? यह हालत तो तब है जब मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व भाजपा आज दक्षिणी हरियाणा से मिले एकतरफा जनमसर्थन के बल पर ही सत्ता में है। वहीं इस क्षेत्र के भाजपा विधायक व सांसद खाद की कमी परे जब किसान सडक़ों पर निकलते है, तब बयान बहादुर बनकर मगरमच्छी आंसू बहाकर किसान हितैषी होने का ढोंग तो करते है, पर समय पर किसान के लिए खाद, बीज सहित अन्य बिजाई की आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध करवाने के समय सोये रहते है।

वहीं विद्रोही ने कहा कि मनेठी-माजरा एम्स निर्माण के लिए मुख्यमंत्री खट्टर की अध्यक्षता में कथित उच्च स्तरीय बैठक को हुए भी तीन सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है, पर अभी तक मुख्यमंत्री के दावे के अनुसार एम्स के लिए स्वेच्छा से जमीन देने वाले माजरा के किसानों को जमीन का मुआवजा नही दिया है और न ही सरकार ने जमीन अपने कब्जे में लेकर एम्स निर्माण की आवश्यक कानूनी औपचारिकता शुरू की है। सरकार का रवैया पूर्व की कछुआ गति अनुसार ही है, फिर मुख्यमंत्री केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह उच्चाधिकारियों व रेवाडी प्रशासन के बीच तीन सप्ताह पूर्व चंडीगढ़ हुई कथित उच्च स्तरीय बैठक का औचित्य क्या था? विद्रोही ने मुख्यमंत्री से पूछा कि चाहे एम्स निर्माण का मुद्दा हो या किसानों को बिजाई के समय खाद उपलब्ध करवाने का हो या विकास का मामला हो,े भाजपा खट्टर सरकार हर मुद्दे पर दक्षिण हरियाणा में कछुआ गति क्यों अपनाती है? इस क्षेत्र से सम्बन्धित मुद्दों पर तीव्रता से काम करने की बजाय टरकाऊ रवैया क्यों अपनाती है? विद्रोही ने मुख्यमंत्री से मांग की कि मनेठी-माजरा एम्स निर्माण की सभी कानूनी औपचारिकताएं विद्युत गति से पूरी की जाये व दक्षिणी हरियाणा में पर्याप्त खाद की तत्काल व्यवस्था की जाये।

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Haryana News

Post A Comment:

0 comments: