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SPS- चक्रव्यूह में फंसाये गए योगी ने अगर चक्रव्यूह तोड़ा तो बनेंगे राजनीति के बेताज बादशाह

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नई दिल्ली-  देश के कई राज्यों में जल्द विधानसभा चुनावों का बिगुल बजने वाला है। सबसे ज्यादा यूपी पर पर पूरे देश की नजर है। हाल में कुछ संस्थानों की सर्वे रिपोर्ट जारी हुई जिसमे भाजपा को पहले से कमजोर बताया गया। तीन महीने पहले भाजपा को जितनीं सीटें मिलती बताई जा रहीं थीं और लगभग 50 सीटें कम कर दी हैं लेकिन सर्वे रिपोर्ट में अब भी भाजपा की सरकार बनती दिखाया गया। कारण किसान आंदोलन, बेतहाशा मंहगाई और लखीमपुर खीरी काण्ड बताया गया। ये तो होना ही था क्यू कि किसान आंदोलन लगभग एक साल से चल रहा है लेकिन केंद्र सरकार अब तक इस आंदोलन को ख़त्म नहीं करवा पाई। यूपी पंजाब और हरियाणा से सटा हुआ है और पंजाब और हरियाणा की बात करें तो यहां भाजपा के बड़े-बड़े नेता भी अपने क्षेत्र में नहीं जा पा रहे हैं इसलिए पंजाब हरियाणा से सटे यूपी की लगभग पांच दर्जन विधानसभा  सीटों पर इस आंदोलन का असर देखा जा सकता है। 

लखीमपुर खीरी मामले के बाद कांग्रेस यूपी में पूरी तरह से सक्रिय हुई और आज प्रियंका गांधी ने अकेले यूपी में चुनाव लड़ने का एलान किया। कांग्रेस भले ही ज्यादा सीटें न जीत पाए लेकिन कई सीटों पर भाजपा और सपा का खेल खराब करेगी। इस मामले के बाद यूपी में कांग्रेस का कद थोड़ा सा बढ़ा है। इस काण्ड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे पर बड़े आरोप थे और केंद्र सरकार खामोश रही जिसका खामियाजा योगी को भुगतना पड़ रहा है। विपक्ष ने नहले पर दहला उस समय मार दिया जब विवाद में रह रहे मंत्री अमित शाह के मंच दिखे। 

मंहगाई की बात करें तो इस मुद्दे पर केंद्र सरकार अब तक पूरी तरह से फेल है। देश भर से आवाज उठी और हाल के उप चुनावों में फजीहत के बाद केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों में कमी की लेकिन मंहगाई कम नहीं हो रही है। वहीं रुकी है। इन तीन बड़े मुद्दों के कारण भाजपा का ग्राफ पहले से कम हुआ है। पहले अफवाहें थीं कि योगी का बढ़ता कद देख भाजपा के कुछ बड़े नेता ही अड़ंगा लगाने का प्रयास कर रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि योगी को एक चक्रव्यूह में फंसाया जा रहा है। अगर लोकसभा चुनाव जल्द होते तो किसान आंदोलन और मंहगाई जैसे मुद्दे का समाधान जल्द कर दिया जाता। 

लोकसभा चुनावों में अभी ढाई साल से अधिक का वक्त है इसलिए केंद्र सरकार ऐसे बड़े मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। ऐसे समय पर अगर योगी किसी भी तरह यूपी में फिर अपनी सरकार बनाते हैं तो 2024 में देश की जनता मोदी-मोदी के बजाय योगी-योगी कर सकती है। वर्तमान में पीएम मोदी का ग्राफ पहले से काफी गिर चुका है। उन पर आरोप लग रहे हैं कि वो अपने दो मित्रों के लिए काम कर रहे हैं जिनकी आमदनी साल में दोगुने से ज्यादा बढ़ रही है। देश का आम आदमी गरीबों की श्रेणी में आता जा रहा है। देश में भुखमरी रिकार्ड तोड़ रही है। जनता को जुमलों से कई साल से बहलाया जा रहा है जिससे जनता अब थक चुकी है ,जनता को जुमले नहीं दो वक्त की रोटी चाहिए। तमाम बातें सामने आ रहीं हैं। कहा जा रहा है कि योगी के पास ऐसे कोई मित्र नहीं हैं जिन पर विपक्ष कोई सवाल उठाता हो और जो दुनिया के मालदारों की श्रेणी में दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की इस समय कर रहे हैं जब जनता कंगाल हो रही है।
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