फरीदाबादः पुलिस उपायुक्त मुख्यालय के पद पर तैनात रही डीसीपी अंशु सिंगला का तबादला फरीदाबाद से कुरुक्षेत्र का पुलिस अधीक्षक के तौर पर हो गया है। फरीदाबाद पुलिस ने पुलिस आयुक्त कार्यालय के कांफ्रेंस हाल में रात डॉ अंशु सिंगला की विदाई पार्टी की। पुलिस आयुक्त महोदय श्रीमान विकास अरोड़ा ने अपने प्रेरणात्मक संदेश में डॉ अंशु सिंगला को कुरुक्षेत्र पुलिस अधीक्षक के तौर पर बेहतर कार्य करने के संदेश के साथ उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देकर विदाई दी।
डा० अंशु सिंगला के बारे में आपको बता दें कि वह 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। फरीदाबाद में वह जुलाई 2020 से डीसीपी हेडक्वार्टर के पद पर तैनात थी। इससे पहले भी वह वर्ष 2019 में 8 महीनो के लिए इस पद पर कार्यरत थी। इस प्रकार उन्होंने 2 वर्ष तक फरीदाबाद में डीसीपी मुख्यालय के तौर पर अपनी सेवाएं दी। उन्होंने अपने कार्यकाल में कानून व्यवस्था को बहुत ही बेहतरीन ढंग से संभाला और कॉविड महामारी के समय इस महामारी की चपेट में आए पुलिसकर्मियों को योग के माध्यम से उन्हें इस बीमारी से लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। इनकी मेहनत रंग लाई और फरीदाबाद के लगभग पुलिसकर्मी कोरोना महामारी को पराजित करके एकदम स्वस्थ हो गए और पूरे उत्साह के साथ उन्होंने फिर से पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं शुरू कर दी।
आईपीएस बनने से पहले वह डॉक्टर थी जो मानवता की भलाई के लिए लगातार कार्य करती रही हैं। इंसानों के साथ साथ वह इंसानियत के लिए भी कार्य करती रही हैं जिन्हे पशु पक्षियों से बहुत ज्यादा लगाव है। वह पूरी संजीदगी के साथ दूसरों के दुख को महसूस करके उनका समाधान करने का हर संभव प्रयास करती है और उसमे सफल भी हुई है। फरीदाबाद की एक अपाहिज डॉगी रॉकी को लंदन पहुंचाकर उसे नया जीवन देने में भी इनका अहम रोल था।
इसके साथ ही वह प्रयावर्ण प्रेमी भी है जिन्होंने फरीदाबाद पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जंगल का दंगल अभियान के तहत अनेकों पेड़ लगवाए और उनकी देखभाल की जिम्मेवारी भी अच्छे से निभाई जिसकी बदौलत कुछ समय पहले ही लगाए गए पौधे जंगल का रूप ले चुके है। डॉ अंशु सिंगला एवं और डॉक्टर अर्पित जैन दोनों ही पर्यावरण प्रेमी पशु प्रेमी है। डा० होने के नाते दोनों का जिला प्रशासन एवं डॉक्टरों के साथ काफी समन्वय रहा दोनों ने अपने कार्यकाल मे जनहित के मुद्दों पर काफी सराहनीय कार्य करने के लिए जाने जाते हैं
डॉ अंशु सिंगला का मानना है कि हर व्यक्ति को इंसानियत के नाते अपने अंगदान करने चाहिए ताकि उनके जाने के बाद उनके अंगों का उपयोग अंगविहीन व्यक्तियों को लगाकर उन्हें एक नया जीवन दिया जा सके। हाल ही में मेट्रो हॉस्पिटल में आयोजित एक समारोह में उन्होंने अपनी आंखे दान करने के लिए कहा जिससे प्रेरणा लेकर लगभग 15 व्यक्तियों ने अपने अंगदान करने का निर्णय लिया।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि डॉक्टर से आईपीएस बनने की प्रेरणा उन्हें एक बहुत झकजोर देने वाली घटना से मिली जिसमे एक महिला की गैस सिलेंडर फटने की वजह से मृत्यु हो गई थी परंतु बाद में उन्हें पता चला कि यह उस महिला के ससुराल वालों की एक साजिश थी जिन्होंने उस महिला को जलाकर मार दिया था। इसी घटना ने अंशु सिंगला को आईपीएस बनकर महिलाओं के शोषण के विरुद्ध कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
पुलिस अधिकारी होने के नाते महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में उनकी अहम भूमिका रही है। महिलाओं के उत्थान और उन्हें घरेलू हिंसा से बचाने के लिए फरीदाबाद के पुलिसकर्मियों ने डीसीपी अंशु सिंगला के मार्गदर्शन में ही जनसभाएं आयोजित करके महिलाओं को शोषण के विरुद्ध जागरूक करने में अपना अहम योगदान दिया। खोरी गांव में माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के तहत डीसीपी अंशु सिंगला के कुशल नेतृत्व और सूझबूझ ने किसी भी जानी नुकसान के बिना अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को सफल बनाया।
पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने श्रीमती सिंगला को उनके आगामी भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी के साथ साथ वह एक बहुत ही बेहतरीन इंसान भी हैं। वह इसी प्रकार वह लोगों की भलाई का कार्य करती रहें। उनके हर लक्ष्य को पूरा करने में कामयाब होने की मंगलकामना के साथ डॉ अंशु सिंगला को विदाई दी गई। विदाई समारोह में डीसीपी सेंट्रल मुकेश मल्होत्रा, डीसीपी ट्रैफिक सुरेश हुडा, डीसीपी बल्लबगढ़ जयवीर राठी, एसीपी हेड क्वार्टर मुनिश सहगल सहित फरीदाबाद के सभी एसीपी एवं कानूनी एक्सपर्ट एडीए बाली सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी शामिल रहे सभी ने डीसीपी मैडम को आगामी कार्यभार की शुभकामनाएं दी।
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