चंडीगढ़ 16 नवंबर - हरियाणा सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए निरंतर किये जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कमी आई है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग लगातार किसानों को फसल अवशेष न जलाए जाने के प्रति जागरूक कर रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने आज यहाँ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों के साथ बैठक कर इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
डॉ सुमिता मिश्रा ने निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को पराली न जलाने के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए आईईसी गतिविधियों का व्यापक प्रचार प्रसार करें। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर को पूरे राज्य में चेतना-रैलियों का आयोजन किया जाए और इसमें स्कूली बच्चों, युवाओं, एनएसएस और युवा केंद्रों को शामिल किया जाए। इन रैलियों के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक संदेश पहुंचाया जाए कि फसल अवशेष जलाना न केवल सेहत के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे धरती की उर्वरक शक्ति भी खत्म होती है।
उन्होंने कहा कि मोबाइल वैन के माध्यम से भी गांव गांव में प्रचार प्रसार किया जाए और किसानों तक यह संदेश पहुंचाया जाए कि वे पराली न जलाएं। डॉ. सुमिता मिश्रा ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि संबंधित जिलों में फ्लाइंग स्क्वायड और इंफोर्समेंट टीमों की संख्या बढ़ाते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर नजर बनाए रखें।
उन्होंने विशेष रूप से फतेहाबाद और सिरसा के जिला उपायुक्तों को उनके जिलों में धान की देरी से कटाई के मद्देनजर अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिये।
बैठक में कृषि विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह ने बताया कि राज्य में गेहूँ की बिजाई शुरू हो चुकी है, जिसमें डी.ए.पी. खाद की उपलब्धता बिजाई के समय किसानों के लिए जरूरी है। 16 नवम्बर 2021 तक राज्य में 2 लाख 15 हजार मीट्रिक टन डी.ए.पी उपलब्ध करवाया जा चुका है, जिसमें से 1 लाख 88 हजार मीट्रिक टन किसान खरीद चुके हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से डी.ए.पी की अतिरिक्त उपलब्धता बारे लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। पिछले तीन दिनों में 8 रेक मंगवाए जा चुके हैं और अगले तीन दिनों में 9 रेक और मंगवाए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा राज्य में हर रोज 7 से 8 हजार मीट्रिक टन डी.ए.पी / एन.पी.के उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने किसानों से अपील की कि जिस भी जिले में खाद के रेक की उपलब्धता हो वहां पर किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैलने दें और खाद की खरीद के समय सयंम रखे व शांतिपूर्वक तरीके से खरीद करें।
मूंग की खरीद 30 नवम्बर तक जारी रहेगी
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में दलहनी फसलों को बढ़ावा देने व न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद को सुनिश्चित करने के लिए किसान हित में निर्धारित खरीद मापदंड अनुसार खरीद अवधि 30 नवम्बर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। किसानों के हित को देखते हुए हैफेड व नैफेड द्वारा मूँग की खरीद राज्य की 38 अधिसूचित मंडियों में 30 नवम्बर तक जारी रहेगी।
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