नई दिल्ली- कुंडली बार्डर पर आज होने जा रही किसानों की बैठक काफी अहम् मानी जा रही है। इसी महीने आंदोलन के एक साल पूरे होने जा रहे हैं और अब किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं क्यू कि 26 जनवरी प्रकरण के बाद सरकार ने भी किसानों से बात करना बंद कर दिया है। आज की बैठक में किसान सरकार को झुकानें की रणनीति पर चर्चा करेंगे। केजीपी किसानों द्वारा बंद करवाया जा सकता है।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पहले ही बोल चुके हैं कि धरना अब पीएम मोदी के आवास के बाहर होगा। किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन को तमाशा समझ रही सरकार को झुकानें के लिए अहम् निर्णय लेना बहुत जरूरी है ,हमारे 700 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं और हम अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते इसलिए कड़े फैसले ले सकते हैं। ये बैठक दोपहर तीन बजे होनी प्रस्तावित है।
किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों को रद्द करवाने और एमएसपी की गारंटी के लिए हम आंदोलन कर रहे हैं। हाल में कई राज्यों में धान और बाजरे की खरीद एमएसपी पर नहीं की गई। सरकार का दावा पूरी तरह से फेल दिखा। किसान मंडियों में भटकते रहे। धान और बाजरा एमएसपी से बहुत कम कीमत पर खरीदा गया। इसलिए हम एमएसपी की गारंटी चाहते हैं।
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