23 नवम्बर 2021- हरियाणा में एचसीएस से लेकर चपरासी तक की सरकारी नौकरियां पर्ची व खर्ची से मिलने का घोटाला सामनेे आने के बाद स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मांग की कि भाजपा खट्टर राज के विगत सात सालों में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग व हरियाणा लोकसेवा आयोग द्वारा सभी भर्तीयों की विस्तृत जांच के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में सीबीआई की एक विशेष टीम जांच करके भर्ती घोटाला में पर्दे के पीछे केे छिपी उच्च स्तर की राजनीतिक ताकतों को बेनकाब करके उन्हे सजा दिलवाये।
विद्रोही ने कहा कि हरियाणा लोकसेवा आयोग में भर्ती घोटालेे के जो राज सामने आये है, उनसे यह तो प्रमाणित हो गया कि भर्ती घोटाले का गिरोह एचसीएस से लेकर गु्रप डी तक की सरकारी नौकरियां मोटा माल लेकर करवाते रहे है। इस घोटाले की सारी जिम्मेदारी एचसीएस के डिप्टी सैक्रेटरी व दो कर्मचारियों पर थोपकर भाजपा खट्टर सरकार पर्दे के पीछे छिपे असली खिलाडियों को सत्ता दुरूपयोग से बचाने के लिए लीपापोती कर रही है। यह संभव ही नही कि एचसीएस से लेकर गु्रप डी की सरकारी भर्तीयों को दो-चार लोग अपने बल पर बेचकर मोटा माल कमा सके। विद्रोही ने आरोप लगाया कि उक्त भर्ती घोटाला मुख्यमंत्री कार्यालय की मिलीभगत के बिना संभव नही है। जब पिछले सात सालों से प्रदेश की हर भर्ती का पेपर लीक हो रहा है और भर्ती परीक्षा की उत्तर सीट खाली रखने की लगातार हर सरकारी भर्ती में मीडिया खबरे आ रही थी, तभी से हमारे जैसे लोग आरोप लगा रहे थे कि प्रदेश में भर्तीयों में भारी धांधली हो रही है और गुपचुप तरीके से मोटा पैसा लेकर सरकारी नौकरियां बेची जा रही है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर बिना पर्ची-खर्ची के मैरिट, ईमानदारी व पारदर्शिता से सरकारी भर्ती करने का बेशक बेसुरा राग अलापते हो, पर सच एकदम उल्ट है।
विद्रोही ने कहा कि हरियाणा भाजपा खट्टर राज में पहले ही दिन से सरकारी नौकरियंा पर्ची-खर्ची से गुपचुप रूप से दी जाती है। हरियाणा में सरकारी भर्तीयों व प्रशसानिक व पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग, स्थानातंरण में भारी भ्रष्टाचार है। सभी उच्च प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग व ट्रांसफर की खुली बोलिया लग रही है और जो अधिकारी जितना मोटा माल देता है, उसे मलाईदार पोस्ट मिल जाती है जिसके कारण प्रदेश में भारी प्रशासनिक व पुलिस भ्रष्टाचार है। विद्रोही ने कहा कि यदि खट्टर जी को बिना पर्ची-खर्ची के मैरिट, ईमानदारी व पारदर्शिता से नौकरी देने का इतना ही गुमान है तो मेरी उनकी को खुली चुनौती है कि विगत सात सालों में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग व हरियाणा लोकसेवा आयोग द्वारा की गई सभी सरकारी भर्तीयों की जांच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में सीबीआई की विशेष टीम से करवाने की हिम्मत दिखाये ताकि बिना पर्ची-खर्ची सरकारी नौकरियां देने का सच्च सामने आ सके।
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