फरीदाबाद- पद्मश्री आवार्डी एडवोकेट डाक्टर ब्रम्हदत्त ने पीएम मोदी के नाम एक पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने लिखा है ,,मोदी जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने तीन काले कानूनों को जो किसान पर बुरी तरह से अन्याय करने के लिए बनाए गए थे ,वापस ले लिया है, यह दूसरी बात है कि यह समझ आपको तकरीबन 1 वर्ष के पश्चात तकरीबन 800 किसानों की हत्या के बाद तकरीबन आप के कार्यकर्ताओं द्वारा आंदोलन रत किसानों की बेइज्जती के पश्चात ,आई है . फिर भी तीन काले कानून वापस हैं देर आएद दुरुस्त आएद । लेकिन इन काले कानूनों से किसान पर जोअन्याय होने वाला था ,उन्हें गुलाम बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही थी, इनके वापस लेने से उनको फायदा तो कुछ नहीं हुआ।
उनको केवल तभी फायदा होगा जब आप न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात मिनिमम सपोर्ट प्राइस को कानूनी दर्जा देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि शीघ्र अति शीघ्र किसानों की फसल को खरीद लिया जाए और उन्हें पैसा दे दिया जाए
इस संबंध में खासतौर से गन्ना किसानों के दुख दर्द की बात पर विचार करें जिन्हें सालों साल से किसने के गन्ने की वही कीमत मिलती रही जो पहले मिलती थी ।अब आपने संभवतः ₹5 प्रति क्विंटल कीमत बढ़ा दी है लेकिन अभी तक भी आपने उनका बकाया रुपया देने का प्रबंध नहीं किया है । समझ नहीं आता किसान के साथ यह सब क्यों होता है ।
कोई भी व्यक्ति जब अपना माल बेच देता है तो उसका फौरन हक बन जाता है कि उसको उसका पैसा मिले लेकिन किसान के साथ ऐसा नहीं होता है जब तक देश में किसान और जवान को उचित न्याय नहीं मिलेगा तब तक देश में समृद्धि नहीं आ सकती । केवल बात कुछ गिने-चुने बहुत मालदारों का कई गुना रुपया बढ़ जाने से देश अमीर नहीं होता ।
देश अमीर होगा जब गरीब को न्याय मिलेगा बेरोजगार को रोजगार मिलेगा किसान को उसके फसल का उचित लाभ मिलेगा। फिर भी एक बार पुनः आपको धन्यवाद ।मैं इस आशा के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं कि अब मिनिमम सपोर्ट प्राइस को भी शीघ्र आप कानून का दर्जा देंगे और जो इसका उल्लंघन करेगा उसको सख्त से सख्त सजा का प्रावधान किया जाएगा ।
का वर्षा जब कृषि सुखाली। मोदी जी ने यही किया है 1 साल तक सारे देश को परेशान किया विदेशों में बदनामी हुई किसान आंदोलन के कारण किसानों ने बहुत तकलीफ सही 700-800 लोगों की शहादत दी और उसके बाद अब आप ने तीन काले कानूनों को वापस लिया। लेकिन इससे भाजपा की खुद फजीहत हुई है ।उनकी हिम्मत नहीं है लोगों से बात करने की कि 1 साल में क्या हो रहा था आप को बहुत बड़ा नुकसान हो चुका है अभी भी आप कुछ समझदारी से काम लैं और किसानों की बाकी मांगे भी मान लैं और उनको बाइज्जत घर जाने के लिए आग्रह करैं तो संभवतः आप उस नुकसान की जो आपने भाजपा को कर दिया है कुछ भरपाई कर पाएं
मोदी जी यह क्या हो रहा है ? आपने जनधन खाता खुलवाने के लिए गरीबों को प्रेरित किया या कहें बहकाया ।एक बड़े अखबार में आज खबर पढ़कर तकलीफ होती है कि **आईआईटी बॉम्बे की ट्रांजैक्शन शुल्क पर रिपोर्ट है कि , जनधन खाता वाले गरीबों से एसबीआई ने की वसूली 12 करोड़ जनता खातों से 3 साल तक ट्रांजैक्शन शुल्क के नाम पर वसूले 164 करोड़ लौटाये नहीं।
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