4 अक्टूबर 2021 स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही नेे आरोप लगाया कि 2 अक्टूबर को अहिंसा के पूजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मुखौटा पहनकर गांधी जी के गुणगान करने वाले सत्ताधारी संघीयों ने 24 घंटे में ही यह नकली मुखौटा उतारकर अपने गुरू नाथूराम गोडसे का हिसंक मुखौटा धारण करके पूरी दुनिया को अपना असली पैदायशी चाल-चरित्र दिखा दिया। विद्रोही ने कहा कि गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी सत्ताधारी संघी अहिंसा के जुमले उछाल रहे थे। वहीं उनके सत्ता से बाहर बैठे संघी साथी खुलेआम नाथूराम गोडसे जिंदाबाद के नारे लगाकर सोशल मीडिया पर गांधीजी का विरोध व गोडसे के गीत गा रहे थे। अहिंसा के पूजारी गांधी के गीत गाने वाले संघी 24 घंटे भी गांधी जी के अहिंसा, सत्य व सत्याग्रह के सिद्धांत पर नही टिके। इसकी शुरूआत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भाजपा समर्थकों की एक कथित बैठक में उपस्थित लोगों को किसानों को लठ्ठो से मारने के आहवान के साथ किया।
विद्रोही ने कहा कि वायरल वीडियो में मुख्यमंत्री खट्टर जी साफ कहते हुए सुने जा सकते है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान उपद्रवी है और उपद्रवी को उन्ही की भाषा में जवाब दिया जाये। पांच सौ-सात सौे लोगों को संगठित करके उन्हे लाठियां थमाओ और किसानों को पीटो। चिंता मत करो, मैं सब देख लूंगा। यदि किसानों को पीटने के बाद जेल भी चले गए तो घबरा क्यों रहे हो, जेल से बाहर आने पर बड़े नेता बनोगे और इतिहास में तुम्हारा नाम दर्ज होगा। जब एक प्रदेश का चुना हुआ मुख्यमंत्री जिस पर संविधान, कानून की परिपालना करने की जिम्मेदारी होती है, यदि वह इस तरह अपने समर्थकों को हिंसा करने व किसानों को लठ्ठों से पीटने का आहवान करेगा तो हरियाणा में कानून का राज कहां रहा? यहां तो स्वयं मुख्यमंत्री जंगलराज का ऐलान कर रहे है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि ऐसा करके खट्टर जी ने साबित कर दिया है कि संघीयों का गांधीजी जाप धोखा है और वे तो गोडसे के असली हिंसक पूजारी है।
वहीं उत्तरप्रदेश में एक सभा में मोदी सरकार में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी वायरल वीडिया में खुलेआम आंदोलनरत किसानों को सबक सिखाने व अपने पुराने गुंडे स्वरूप में आने का ऐलान कर रहे है। उनका उक्त ऐलान मात्र ऐलान ही नही रहा अपितु रविवार को उनके पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी कार से आंदोलरत 8 किसानों को कुचलकर मारकर पूरा भी कर दिया। विद्रोही ने कहा कि जब हरियाणा का मुख्यमंत्री व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री इस तरह खुलेआम हिंसा को भडकाने व किसानों को मारने का आहवान करेंगे तो देश में कानून, संविधान का राज नही रहा है और न ही लोकतंत्र में विरोध, प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता का अधिकार बचा है। यह तो संघी फासीजम का खुला ऐलान है। अब देश की जनता को तय करना होगा कि वे लोकतंत्र व संविधान को बचाना चाहते है या देश में संघी फासीजम चाहते है।
विद्रोही ने मांग की कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को तुरन्त अपने पदो से बर्खास्त करके उनके खिलाफ हिंसा भडकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करके गिरफ्तार किया जाये।
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