चंडीगढ़ 4 अक्तूबर। भाजपा की केन्द्र व प्रदेश सरकारों द्वारा जन आंदोलनों को कुचलने के लिए जिन हिंसात्मक कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है, उससे ये साफ हो गया है कि भाजपा गांधी जी का मुखौटा सिर्फ अपने अलोकतांत्रिक क्रियाकलापों को छिपाने के लिए प्रयोग करती है। ये बात आज हरियाणा युवा कांग्रेस के नेता मयंक चौधरी ने कुरुक्षेत्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के किसानों के प्रति आपत्तिजनक ब्यान एवं लखीमपुर खीरी की घटना की निंदा करते हुए कही। मयंक चौधरी आज कुरुक्षेत्र में थे जहां आज शाम लखीमपुर खीरी में मृतक किसानों की आत्मा के शान्ति के लिए राजेश पायलट चौक से बीआर चौक तक कैंडल मार्च निकाला।
इस मौके पर मयंक चौधरी ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर प्रदेश में गृहयुद्ध के हालात पैदा करना चाहते है। उन्हें ये पता होना चाहिए कि वो प्रदेश के मुखिया है जो लोकतांत्रिक और संवैधानिक पद है। मुख्यमंत्री के वायरल विडियों पर प्रतिक्रिया जताते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर को साफ कहते हुए सुना जा सकता है कि कैसे वो कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समक्ष अपने कार्यकर्ताओं को लठ उठाने के लिए उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का कथन घोर आपत्तिजनक है। जब एक प्रदेश का चुना हुआ मुख्यमंत्री जिस पर संविधान, कानून की परिपालना करने की जिम्मेदारी होती है, यदि वह इस तरह अपने समर्थकों को हिंसा करने व किसानों को लठ्ठों से पीटने का आह्वान करेगा तो कानून का राज कहां रहेगा?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं शांतिप्रिय प्रदेश को जंगलराज बनाने का ऐलान कर रहे है। चौधरी ने आरोप लगाया कि ऐसा करके मुख्यमंत्री खट्टर ने साबित कर दिया है कि भाजपा द्वारा गांधी जी का जाप धोखा है और हकीकत में वे हिंसावादी गोडसे की पूजा करते है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में भी जिस प्रकार मोदी सरकार के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी वायरल वीडिया में खुलेआम आंदोलनरत किसानों को सबक सिखाने व अपने पुराने गुंडे स्वरूप में आने का ऐलान कर रहे है। उनका उक्त ऐलान मात्र ऐलान ही नहीं रहा अपितु उनके पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी कार से आंदोलरत 8 किसानों को कुचलकर मारकर पूरा भी कर दिया।
उन्होंने कहा कि कल लखीमपुर खीरी में भाजपा ने नरसंहार करवाया और दुनिया के सामने पोल न खुल जाए इसलिए वहां जाने वाले देश के बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राज्य सभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से पुलिस ने बदतमीजी और धक्का-मुक्की की। उन्होंने कहा कि सरकार ने तानाशाही रवैया दिखाया जो बहुत ही निंदनीय है।
मयंक ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2 अक्टूबर को अहिंसा के पूजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जो मुखौटा पहना था वो मात्र 24 घंटे में ही उतर गया। आज पूरी दुनिया के सामने उसका चाल-चरित्र दिख रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी सत्ताधारी भाजपाई अहिंसा के जुमले उछाल रहे थे। वहीं उनके सत्ता से बाहर बैठे साथी खुलेआम नाथूराम गोडसे को पूज रहे थे। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि जिस अहिंसा के पुजारी गांधी जी के आदर्शों पर आज दुनिया चल रही है या चलना चाहती है वहीं उन्हीं के देश में सत्ता के बैठे भाजपा के लोग 24 घंटे भी गांधी जी के सत्य, अहिंसा व सत्याग्रह के सिद्धांत पर नहीं टीक सकते।
उन्होंने कहा कि जब हरियाणा का मुख्यमंत्री व केन्द्रीय गृह राज्ययमंत्री इस तरह खुलेआम हिंसा को भडकाने व किसानों को मारने का आहवान करेंगे तो देश में कानून, संविधान का राज नहीं रहा है और न ही लोकतंत्र में विरोध, प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता का अधिकार बचा है। यह तो भाजपा के फासीजम का खुला ऐलान है। अब देश की जनता को तय करना होगा कि वे लोकतंत्र व संविधान को बचाना चाहते है या देश में फासीजम चाहते है। इस मौके पर विनीत सैनी, महेश शर्मा, सेंटी सैनी, आशु सहगल, सूरज नेहरा, कविंदर तंवर, कुलदीप तोमर, कंवर सिंह सहित तमाम युवा कांग्रेसी मौजूद रहे।
Post A Comment:
0 comments: